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Showing posts from December, 2025

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ - फिटनेस का पैडल: एक स्वस्थ और मजबूत भारत का संकल्प

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  पैडल 2 फिटनेस': जयपुर में साइक्लिंग रैली ने दिखाया एक स्वस्थ भारत का चेहरा आज सुबह की साइक्लिंग रैली एक ऐसी ऊर्जा और संकल्प से भरी थी जिसने जयपुर की हवा में एक नई ताजगी घोल दी। माननीय विधायक कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने जब 'पैडल 2 फिटनेस' रैली में उत्साहपूर्ण नागरिकों, युवाओं, एथलीटों, परिवारों और फिटनेस प्रेमियों के साथ पैडल मारा, तो यह सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और मजबूत भारत के संकल्प की सामूहिक अभिव्यक्ति थी। कर्नल राठौड़ ने इस अनुभव को साझा करते हुए कहा: "This morning’s cycling rally was a powerful reminder of what a fitter and stronger India truly looks like. Riding alongside enthusiastic citizens, youth, athletes, families, and fitness lovers, I felt the collective resolve to make health a daily habit।" ✨ फिटनेस का जुनून, जयपुर का जोश साइक्लिंग रैली में शामिल हुए लोगों की विविधता ने इस आयोजन को खास बना दिया। हर वर्ग की भागीदारी: रैली में हर उम्र और हर पृष्ठभूमि के लोग शामिल थे - बच्चे, बुजुर्ग, कामकाजी पेशेवर, और पेशेवर एथलीट। यह स्पष्ट संद...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ 30 नवंबर को जोधपुर पहुंचेंगे, Khelo India University Games के खिलाड़ियों से करेंगे रूबरू

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जोधपुर के खेल प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी! ओलंपिक पदक विजेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (@Ra_THORe) 30 नवंबर, 2025 को हमारे शहर की धरती पर कदम रखने जा रहे हैं। उनका यह प्रवास शहर में चल रहे   Khelo India University Games   से जुड़ा हुआ है। कर्नल राठौड़, जो खुद एक प्रतिष्ठित शूटर और देश के लिए गौरव हैं, इस मेगा खेल आयोजन में हिस्सा ले रहे युवा खिलाड़ियों से सीधे तौर पर रूबरू होंगे। उनकी मौजूदगी और प्रेरणादायी शब्द निश्चित ही मैदान में जोश भर देंगे। यह वह अवसर है जब हमारे युवा खिलाड़ी न केवल एक खेल हीरो को देख सकेंगे, बल्कि उनके अनुभव और जज़्बे से सीख भी सकेंगे। Khelo India University Games  देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का सबसे बड़ा मंच है। ऐसे में कर्नल राठौड़ जैसे व्यक्तित्व का आगमन इस आयोजन के महत्व को और बढ़ा देता है। यह युवाओं को यह संदेश देगा कि देश उनके प्रयासों और संघर्ष को सराहता है। जोधपुरवासियों से अपील है कि इस ऐतिहासिक खेल आयोजन का हिस्सा बनें और हमारे युवा प्रतिभाओं का उत्साह बढ़ाएं। 30 नवंबर का दिन ज...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़: आईआईटीएफ 2025 में स्वर्णिम राजस्थान, विरासत और नवाचार की गौरवगाथा

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  प्रिय पाठकगण, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 2025 के विशाल कैनवास पर राजस्थान ने एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ा है। हमारे राज्य के पैवेलियन ने न केवल सबका ध्यान खींचा, बल्कि रिकॉर्ड बिक्री के साथ-साथ हर दृष्टि से स्वर्ण पदक का कीर्तिमान स्थापित किया है। यह उपलब्धि हमारे मेहनती शिल्पकारों, सृजनशील उद्यमियों और राज्य की अटूट सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिफल है। यह सफलता किसी एक के प्रयास से नहीं, बल्कि सामूहिक नेतृत्व और प्रेरणा से संभव हुई है। माननीय प्रधानमंत्री  श्री नरेंद्र मोदी जी  के 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' के दूरदर्शी मार्गदर्शन तथा माननीय मुख्यमंत्री  श्री भजनलाल शर्मा जी  के कुशल नेतृत्व ने इस यात्रा को दिशा दी। इस अभियान को मूर्त रूप देने में हमारे प्रदेश के  कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जी  का अथक परिश्रम और रणनीतिक दृष्टि सराहनीय रही। राजस्थान पैवेलियन: एक अनूठा संगम इस पैवेलियन में केवल उत्पाद नहीं, बल्कि राजस्थान की आत्मा बसी थी। एक ओर जहाँ ब्लू पॉटरी, बंधेज, कुंदन और लकड़ी की नक्काशी जैसी पारंपरिक कलाओं ने लोगों को मंत्रमुग्ध क...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ - जन-संवाद का महा-मंच: प्रधानमंत्री जी के 'मन की बात' को अवश्य सुनें

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  मन की बात' - एक प्रेरणादायक संवाद, एक विकसित राष्ट्र का संकल्प देश के करोड़ों लोगों के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' सिर्फ एक संबोधन नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक संवाद है। यह कार्यक्रम जनता से जुड़ने, उनकी उपलब्धियों को सराहने और राष्ट्रीय संकल्पों को साझा करने का एक अनूठा माध्यम है। इसी क्रम में, कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने देशवासियों से आह्वान किया है कि वे प्रधानमंत्री जी के आगामी 'मन की बात' कार्यक्रम को अवश्य सुनें। "आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित करेंगे। आप सभी इस प्रेरणादायक कार्यक्रम को अवश्य सुनें।" 🗓️ : 30 नवंबर 2025 🕚 : सुबह 11:00 बजे 💡 क्यों है 'मन की बात' खास? 'मन की बात' कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह राजनीति से परे हटकर, देश के आम नागरिक और उनकी असाधारण उपलब्धियों पर केंद्रित होता है। प्रेरणा का स्रोत: यह कार्यक्रम देश के दूर-दराज के इलाकों से ऐसे गुमनाम नायकों की कहानियों को सामन...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की कलम से: जे.आर.डी. टाटा - एक ऐसा दिग्गज जिसने भारत को सपने देखना सिखाया

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आज के दिन, 29 नवंबर, को जब हम भारत रत्न जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा (जे.आर.डी. टाटा) की पुण्यतिथि मनाते हैं, तो केवल एक उद्योगपति को याद नहीं करते। हम एक दूरदर्शी, एक मानवतावादी और एक ऐसे सपने को याद करते हैं, जिसने आधुनिक भारत की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई। एक भारतीय औद्योगिक क्रांति के योगदानकर्ता के रूप में, मैं उनके व्यक्तित्व और कार्यों से गहराई से प्रभावित रहा हूँ। मुख्य विषय: व्यवसाय से बड़ा विश्वास:  जे.आर.डी. टाटा ने साबित किया कि उद्योग सिर्फ मुनाफा कमाने का जरिया नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का साधन हो सकता है। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, एयर इंडिया, और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च जैसे उनके उद्यमों ने न केवल औद्योगिक बुनियाद रखी, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार दिया और देश में विज्ञान व तकनीक की बुनियाद मजबूत की। मानवीय मूल्यों की मिसाल:  वह "दूसरों के लिए जीना" के सिद्धांत में विश्वास रखते थे। टाटा समूह की कंपनियों में मजदूर कल्याण और सामाजिक जिम्मेदारी के मानदंड उन्होंने ही स्थापित किए। उनका कहना था कि "किसी भी सफल उद्योगपति का पहला दायित्व उसके कर्मचारि...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़: मां भारती के वीर सपूत कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया जी को सादर नमन

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   परमवीर चक्र विजेता कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया जी की जयंती: वीरता की अमर गाथा आज, भारत माता के उस वीर सपूत को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिसने अपने अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान से भारतीय सेना के शौर्य को विश्व पटल पर स्थापित किया। माननीय कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने परमवीर चक्र (PVC) से सम्मानित कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन किया है। कैप्टन सलारिया जी की वीरता की गाथा न केवल भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है, बल्कि वह हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। ✨ एक असाधारण बलिदान की कहानी कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया 3/1 गोरखा राइफल्स के अधिकारी थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना (UN Peacekeeping Force) के एक मिशन के दौरान कांगो (1961) में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। अदम्य साहस: 5 दिसंबर 1961 को, कांगो के एलिज़ाबेथविले में, कैप्टन सलारिया को एक अवरोध को हटाना था, जिसका उद्देश्य विद्रोही ताकतों को एयरपोर्ट तक पहुँचने से रोकना था। अकेले दम पर सामना: जब उनकी टुकड़ी पर 150 से अधिक विद्रोहियों ने हमला किया, तब कैप्टन सलारि...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़: आपके स्नेह के साथ, हम मिलकर साकार करेंगे विकसित झोटवाड़ा

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  आपका स्नेह, मेरा संकल्प: मिलकर बनाएंगे 'विकसित झोटवाड़ा' झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के माननीय विधायक और नेता कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने विकास की यात्रा में जनता के साथ अपने गहरे जुड़ाव और सहयोग की भावना को व्यक्त करते हुए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है: "आप सबके स्नेह के साथ हम साथ मिलकर साकार करेंगे विकसित झोटवाड़ा।" यह कथन सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि एक नेता का अपनी जनता के प्रति समर्पण, विश्वास और समावेशी विकास की नीति का प्रतिबिंब है। कर्नल राठौड़ का मानना है कि वास्तविक प्रगति केवल सरकारी योजनाओं से नहीं, बल्कि जनभागीदारी और आपसी स्नेह से हासिल होती है। ✨ जनता का स्नेह: विकास की सबसे बड़ी शक्ति कर्नल राठौड़ के लिए, झोटवाड़ा की जनता का समर्थन और स्नेह सबसे बड़ी पूंजी है। यह स्नेह उन्हें केवल चुनाव जीतने की शक्ति नहीं देता, बल्कि जवाबदेही और पारदर्शिता के साथ काम करने की ऊर्जा भी प्रदान करता है। सहयोग से समाधान: विकास के मार्ग में आने वाली हर चुनौती का समाधान जनता के सहयोग से ही संभव है। चाहे वह सड़क निर्माण हो, जल संकट का निवारण हो, या शिक्षा के क्षेत्र में सुधा...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़: जयपुर की मिट्टी से जुड़ाव और 'तुरंत कार्रवाई' का संकल्प

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हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत क्या है? जनप्रतिनिधि का आम जन से सीधा, बिना किसी दीवार के जुड़ाव। यही दृश्य देखने को मिला जब जयपुर ग्रामीण से सांसद कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने शहर में अपने स्नेहीजनों से मुलाकात की। यह कोई औपचारिक सभा नहीं थी, बल्कि एक स्नेहिल, पारिवारिक मिलन था। लेकिन इस मिलन की खास बात यह रही कि यहाँ सिर्फ हंसी-मज़ाक और लंबी बातचीत ही नहीं हुई, बल्कि जनसमस्याओं का त्वरित समाधान भी शुरू हो गया। कर्नल साहब ने लोगों की व्यक्तिगत और सामुदायिक समस्याओं को गंभीरता से सुना। और फिर क्या?  तुरंत संबंधित अधिकारियों को फोन लगाया गया।  यह छोटा सा कदम, एक बड़ा संदेश देता है। यह संदेश है -  "कार्य में देरी नहीं, समाधान में तत्परता।" फोन करके तत्काल निर्देश देने का मकसद साफ था - "ताकि काम बिना देरी के पूरा हो सके।" आज के दौर में, जहाँ अक्सर फाइलों और प्रोटोकॉल में ही समस्याएँ उलझी रह जाती हैं, यह 'रेयल-टाइम एक्शन' एक नई राजनीतिक संस्कृति की ओर इशारा करता है। लेकिन इस पूरी मुलाकात का सबसे अनमोल पहलू था, आप सभी लोगों का विश्वास। इसी विश्वास ने, उस स्नेह और...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ - महात्मा ज्योतिबा फुले जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि

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  सामाजिक क्रांति के अग्रदूत: महात्मा ज्योतिबा फुले जी को विनम्र नमन आज, सामाजिक क्रांति के महानायक, महान विचारक, और महिला शिक्षा एवं समानता के प्रबल पक्षधर महात्मा ज्योतिबा फुले जी की पुण्यतिथि पर, कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। फुले जी का जीवन और उनका कार्य, समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता और असमानता के विरुद्ध एक अभूतपूर्व संघर्ष की गाथा है। महात्मा फुले ने अपना पूरा जीवन सत्यशोधक समाज के सिद्धांतों पर जिया, जिसका उद्देश्य समाज के वंचित और शोषित वर्गों, विशेषकर महिलाओं और दलितों को शिक्षा और न्याय दिलाना था। 📚 शिक्षा: क्रांति का सबसे बड़ा हथियार ज्योतिबा फुले जी का मानना था कि समाज में समानता तभी आ सकती है जब हर व्यक्ति शिक्षित हो। उन्होंने जिस समय शिक्षा के लिए संघर्ष किया, उस समय समाज में महिलाओं और पिछड़े वर्गों को शिक्षा से वंचित रखा जाता था। नारी शिक्षा के जनक: उन्होंने 1848 में पुणे में भारत का पहला बालिका विद्यालय स्थापित किया। यह कदम उस समय की सामाजिक व्यवस्था के खिलाफ एक शक्तिशाली क्रांति थी। सावित्रीबाई फुले का योगदान: उन्होंने अप...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ मार्ग: पुरानी चुंगी का अंडरपास अब बदलेगा अजमेर रोड का सफर!

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अजमेर रोड पर रोजाना सफर करने वाले जयपुर वासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! पुरानी चुंगी जंक्शन, जो लंबे समय से ट्रैफिक जाम और लंबे वेट का कारण बना हुआ था, अब इतिहास बनने जा रहा है। यहाँ बनने वाला नया अंडरपास आपकी यात्रा को स्मूथ और ट्रैफिक-फ्री बना देगा। इस महत्वपूर्ण परियोजना को  कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ मार्ग  का नाम दिया गया है, और इसकी अनुमानित लागत  ₹19.18 करोड़  रखी गई है। यह सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि जयपुर के विकास और नागरिकों की सुविधा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस अंडरपास के क्या होंगे फायदे? समय की बचत:  अजमेर रोड से सीधा गुजरने वाले वाहनों को अब सिग्नल पर रुकना नहीं पड़ेगा। ट्रैफिक कंजेशन में कमी:  पुरानी चुंगी और आसपास के इलाकों में जाम की समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा। सुरक्षित यात्रा:  अलग-अलग लेन और कम ट्रैफिक क्रॉसिंग से सड़क दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा। शहर की कनेक्टिविटी बढ़ेगी:  यह प्रोजेक्ट शहर को बाहरी इलाकों से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ी को मजबूत करेगा। कब तक पूरा होगा काम? पूरी तेज...