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Showing posts from November, 2025

केंद्रीय मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं

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आज का दिन देश के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक विशेष दिन है। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, माननीय श्री प्रल्हाद जोशी जी का जन्मदिवस है। इस शुभ अवसर पर हम सभी की ओर से उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। श्री जोशी जी ने अपने राजनीतिक जीवन में सदैव जनसेवा और राष्ट्रनिर्माण को प्राथमिकता दी है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद से, उन्होंने भारत की हरित ऊर्जा यात्रा को नई गति प्रदान की है। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में उनका नेतृत्व देश को "आत्मनिर्भर भारत" और "नेट जीरो" के लक्ष्यों की ओर अग्रसर कर रहा है। उनके इस पावन जन्मदिवस पर हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह उन्हें उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और सफलता प्रदान करें। उनका जीवन सदैव सुयश, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा से भरा रहे। देश की उन्नति में उनका योगदान यूं ही बना रहे। हम सभी की ओर से एक बार फिर से माननीय मंत्री जी को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं! हार्दिक, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ - राष्ट्र सेविका समिति की संस्थापिका, महान समाज सुधारक, आदरणीय लक्ष्मीबाई केलकर जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि

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  मातृशक्ति की प्रेरणा स्रोत: आदरणीय लक्ष्मीबाई केलकर जी को विनम्र श्रद्धांजलि आज, महान समाज सुधारक, राष्ट्र सेविका समिति की संस्थापिका आदरणीय लक्ष्मीबाई केलकर जी की पुण्यतिथि पर, कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। केलकर जी, जिन्हें 'मौसी जी' के नाम से भी जाना जाता है, का जीवन भारतीय महिलाओं को संगठित करने और उन्हें राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाने के प्रति उनके अद्वितीय समर्पण का प्रतीक है। लक्ष्मीबाई केलकर जी ने उस दौर में महिलाओं को एक सशक्त मंच प्रदान करने का बीड़ा उठाया, जब उनका सामाजिक दायरे से बाहर निकलना मुश्किल माना जाता था। 🌟 राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना: महिला सशक्तिकरण का शंखनाद केलकर जी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना है। 1936 में स्थापित यह संगठन आज भी विश्व का सबसे बड़ा महिला स्वयंसेवी संगठन है। विज़न: उनका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाना था, ताकि वे परिवार और राष्ट्र दोनों के लिए एक सकारात्मक शक्ति बन सकें। राष्ट्रधर्म: उन्होंने महिला...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़: राजस्थान है तैयार! खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 का जोशीला आगाज

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  नमस्कार दोस्तों, एक बहुत ही रोमांचक खबर के साथ हाजिर हूं आपके सामने! जी हां, राजस्थान एक बार फिर देश की खेल प्रतिभा को सजाने-संवारने के लिए तैयार है। कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जी ने ठीक ही कहा है –  "राजस्थान है तैयार!" माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 'खेलो इंडिया' विजन और माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के नेतृत्व में, राजस्थान की धरती पर  खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025  की शुरुआत पूरे जोश और उत्साह के साथ होने जा रही है। यह सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि हमारे युवाओं के सपनों को उड़ान देने का एक महत्वपूर्ण मंच है। देश भर के विश्वविद्यालयों से आए खिलाड़ी यहां अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे, नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे और राष्ट्र के नाम को गौरवान्वित करेंगे। इस आयोजन का नारा बिल्कुल सटीक है: "Let’s play. Let’s win. Let’s shine." यानी,  "खेलेंगे, जीतेंगे, और दमकेंगे!" यह वह पल है जब राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक सports facilities का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। हम सभी का यह कर्तव्य बनता है कि हम इस महाकुंभ का हिस...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कीरो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के विजेताओं को पदक प्रदान किए

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  नमस्कार पाठकों! भारत के युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणादायक पल की साक्षी बना जयपुर। कीरो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2024 के दौरान, धनुष्य और शूटिंग जैसे precision खेलों के विजेताओं को सम्मानित करने का सौभाग्य एक ऐसे व्यक्तित्व को मिला, जो इन्हीं खेलों का जीता-जागता legend हैं। हाँ, हम बात कर रहे हैं  ओलंपिक पदक विजेता और पूर्व भारतीय सेना अधिकारी कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़  की। जी हाँ, कर्नल राठौड़ ने जयपुर में आयोजित कीरो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तीरंदाजी और शूटिंग स्पर्धाओं के विजेताओं को पदक प्रदान किए। यह दृश्य अविस्मरणीय था – एक ओर वह ओलंपिक हीरो जिसने देश का नाम रोशन किया, और दूसरी ओर भविष्य के चमकते सितारे, जिनके सपनों में आज देश की शान बनने का जुनून है। इस कार्यक्रम का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 2004 एथेंस ओलंपिक में डबल ट्रैप शूटिंग स्पर्धा में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा था। जब ऐसे महान athelete युवा पीढ़ी को सम्मानित करते हैं, तो यह सिर्फ एक पदक वितरण नहीं रह जाता, बल्कि एक  'गुरु-शिष्य परंपरा'  का आधुनिक रूप ब...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ - मुनि आदित्य सागर महाराज जी के सान्निध्य का सौभाग्य

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  🙏 सत्य, सरसता और समाज-सजगता: मुनि आदित्य सागर महाराज जी के उपदेशों ने हृदय को छुआ विकास और राजनीति की व्यस्त दिनचर्या के बीच, आध्यात्मिकता और नैतिक मार्गदर्शन की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है। झोटवाड़ा विधानसभा के विधायक और नेता कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने हाल ही में जैन मुनि श्री आदित्य सागर महाराज जी के सान्निध्य का सौभाग्य प्राप्त किया। यह मुलाकात न केवल व्यक्तिगत रूप से प्रेरणादायक रही, बल्कि जन-कल्याण के सिद्धांतों पर गहन चर्चा का भी माध्यम बनी। कर्नल राठौड़ ने अपने अनुभव को साझा करते हुए लिखा कि मुनि श्री के उपदेशों और जन-कल्याण पर हुई चर्चा ने "हृदय को छू लिया" । ✨ मुनि श्री के वचनों की शक्ति जैन मुनियों का जीवन त्याग, संयम और सत्य पर आधारित होता है। मुनि आदित्य सागर महाराज जी के वचनों में भी यही गहराई और प्रभाव देखने को मिला: सत्य और सरसता: मुनि श्री के वचनों में सत्य का स्पष्ट मार्गदर्शन होता है, लेकिन उसकी प्रस्तुति अत्यंत सरस और सरल होती है, जो किसी भी व्यक्ति के हृदय तक आसानी से पहुँच जाती है। समाज के प्रति सजगता: जैन धर्म का मूल सिद्धांत 'अहिंसा परमो ...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ - डेफलिंपिक्स में भारत की ऐतिहासिक दहाड़!

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  🥇 20 पदक, 9 स्वर्ण! प्रतिभा और कठोर परिश्रम की अभूतपूर्व जीत टोक्यो में आयोजित 25वें समर डेफलिंपिक्स में भारतीय दल ने इतिहास रच दिया है! यह न केवल पदकों की संख्या के मामले में, बल्कि देश के खेल इतिहास में एक अभूतपूर्व और प्रेरणादायक सफलता है। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ , जिन्होंने स्वयं भारत को ओलंपिक पदक दिलाया है, ने इस शानदार उपलब्धि पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारे एथलीटों की अटूट लगन और प्रतिभा का परिणाम है। 🏆 रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन: नई ऊंचाइयाँ भारतीय दल ने कुल 20 पदक जीतकर, जिसमें 9 स्वर्ण, 7 रजत और 4 कांस्य शामिल हैं, अपनी सर्वश्रेष्ठ डेफलिंपिक्स प्रदर्शन दर्ज किया है। इस ऐतिहासिक सफलता ने भारत को पदक तालिका में छठे स्थान पर पहुंचाया है। खामोशी में दहाड़: हमारे एथलीटों ने सिद्ध कर दिया है कि दृढ़ संकल्प और समर्पण शानदार परिणाम दे सकते हैं, भले ही खेल के मैदान में शोर न हो। गोल्फ की रानी: ओलंपियन दीक्षा डागर ने महिला व्यक्तिगत गोल्फ में एक बार फिर स्वर्ण पदक जीतकर अपने खिताब की सफलतापूर्वक रक्षा की। निशानेबाजी का दबदबा: पदकों का एक बड़ा हिस्सा (16 पदक)...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने दिए पदक, नए भारत के खिलाड़ियों को दिया प्रोत्साहन

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जयपुर की धरती पर एक बार फिर खेलों का जलवा देखने को मिला। यहां चल रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तहत तीरंदाजी और निशानेबाजी जैसे महत्वपूर्ण स्पर्धाओं के विजेताओं को सम्मानित करने पहुंचे थे, ओलंपिक पदक विजेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़। यह दृश्य केवल एक पदक वितरण समारोह नहीं था, बल्कि एक पुराने चैंपियन द्वारा नए चैंपियन्स को प्रोत्साहित करने का एक सुंदर अध्याय था। कर्नल राठौड़, जिन्होंने अपने लोहे के इरादों और निशानेबाजी के जरिए देश को अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाई, आज उसी मंच पर खड़े होकर भविष्य के चैंपियन्स को सम्मानित कर रहे थे। एक चैंपियन, दूसरे चैंपियन्स को सलाम जब राठौड़ खिलाड़ियों के गले में पदक पहना रहे थे, तो उनकी आंखों में वही चमक और गर्व झलक रहा था, जो कभी उनके अपने कोच और मार्गदर्शकों की आंखों में रहा होगा। यह एक ऐसा क्षण था जो खेलों की निरंतरता और विरासत को दर्शाता है। आज के ये युवा खिलाड़ी ही कल के ओलंपियन हैं, और उन्हें एक ऐसे व्यक्तित्व से प्रोत्साहन मिलना, जिसने यह सफर स्वयं तय किया है, अमूल्य है। खेलो इंडिया: नई नींव का निर्माण खेलो इ...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के नेतृत्व में झोटवाड़ा की ग्राम पंचायत भोजपुरा कलां में विकास की गाथा

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पिछले 22 महीनों में राजस्थान के झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र, विशेष रूप से ग्राम पंचायत भोजपुरा कलां में विकास की एक नई इबारत लिखी जा रही है। कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के दूरदर्शी नेतृत्व और निरंतर प्रयासों से यह क्षेत्र तरक्की की नई राह पर अग्रसर है। आइए, इन विकास कार्यों पर एक नज़र डालते हैं जो न सिर्फ आज की ज़रूरतों को पूरा कर रहे हैं, बल्कि भविष्य की नींव भी मज़बूत कर रहे हैं। 1. शिक्षा को मिली नई दिशा: ₹45 लाख की प्रयोगशालाएँ शिक्षा किसी भी समाज की रीढ़ की हड्डी होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए विद्यालय में  भौतिक और जीव विज्ञान की आधुनिक प्रयोगशालाएँ  बनाने के लिए  ₹45 लाख  का निवेश किया गया है। यह कदम छात्र-छात्राओं को रटंत विद्या से मुक्ति दिलाकर व्यावहारिक ज्ञान से जोड़ेगा। अब यहाँ के बच्चे प्रयोगों के माध्यम से विज्ञान के गूढ़ रहस्यों को आसानी से समझ सकेंगे, जिससे उनके भविष्य उज्जवल होंगे। 2. आवागमन सुगम, आर्थिक गतिविधियाँ सशक्त: ₹21 लाख की सड़क निर्माण एक बेहतर सड़क ढांचा न सिर्फ यातायात को आसान बनाता है बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति देता है।  पशु च...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़: हर कदम पर विकास

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   ढाणी बोराज ग्राम पंचायत: झोटवाड़ा में सड़कों का जाल और प्रगति की रफ्तार झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के माननीय विधायक कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के नेतृत्व में, विकास का पहिया लगातार घूम रहा है। इस बार, फोकस ढाणी बोराज ग्राम पंचायत पर है, जहाँ सड़कों के निर्माण और मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करने पर करोड़ों रुपये का निवेश किया गया है। यह स्पष्ट करता है कि कर्नल राठौड़ का संकल्प हर ढाणी और हर गाँव को प्रगति की मुख्यधारा से जोड़ना है। 🛣️ कनेक्टिविटी का महासंग्राम: गाँव से शहर तक आसान पहुँच बेहतर सड़कें ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास की कुंजी हैं। ढाणी बोराज में हाल ही में कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाएं पूरी की गई हैं या तेजी से प्रगति पर हैं: परियोजना का नाम लागत स्थिति महत्व जोबनेर आसलपुर रोड से केरिया नाड़ा होते हुए ढाणी बोराज तक ₹48 लाख निर्माण कार्य पूर्ण 1.9 किमी की यह सड़क ग्रामीणों के लिए आस-पास के मुख्य मार्गों तक पहुँचना आसान बनाती है। राजीव गांधी सेवा केंद्र से गोरा की ढाणी तक ₹45 लाख निर्माण कार्य पूर्ण इस सड़क ने सेवा केंद्र तक पहुँच और स्थानीय कनेक्टिविटी को मजब...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़: 22 महीनों में विकास के नए आयाम

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  सेवा और समर्पण का संकल्प: भैंसावा में ₹3.44 करोड़ के विकास कार्य पूर्ण #राजस्थान #झोटवाड़ा #जयपुर झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के माननीय विधायक और नेता, कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के कुशल नेतृत्व में, विकास की गति लगातार नए रिकॉर्ड बना रही है। पिछले 22 महीनों में, उनकी 'सेवा और समर्पण' की भावना ने ग्राम पंचायत भैंसावा के चेहरे को पूरी तरह से बदल दिया है, जहाँ ₹3.44 करोड़ की लागत से सड़कें, पानी और शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य पूरे किए गए हैं। यह धनराशि केवल अंक नहीं है, बल्कि भैंसावा के हर नागरिक के जीवन स्तर में सुधार का सीधा प्रमाण है। 🛣️ कनेक्टिविटी को मिली नई रफ़्तार: सड़कों का जाल किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सुगम यातायात आवश्यक है। भैंसावा में सड़कों के निर्माण और सुधारीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है: उत्कृष्ट सड़कें: ₹3.44 करोड़ की कुल लागत का एक बड़ा हिस्सा ग्राम पंचायत के भीतर सड़कों के निर्माण पर खर्च किया गया है। इन नई और मजबूत सड़कों ने न केवल ग्रामीणों के आवागमन को आसान बनाया है, बल्कि कृषि उत्पादों और व्यापारिक गतिविधियों को भी गति दी है। 💧 जल संकट का सम...

कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़: बस्सी नागा की शान, राजस्थान का गौरव

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नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे शख्सियत की जिनका नाम सुनते ही मन में सम्मान और गर्व की भावना उमड़ आती है। यह हैं हमारे पूर्व सांसद और केंत्रीय मंत्री रह चुके,  कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ । उनका जन्मस्थान और पैतृक गाँव हमारे ही झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत  बस्सी नागा  है। कर्नल राठौड़ का जीवन संघर्ष, अनुशासन और सफलता की एक मिसाल है। एक पेशेवर सैनिक के रूप में उन्होंने देश की सेवा की, और फिर खेल के मैदान में उतरकर देश का नाम रोशन किया। एक ओलंपियन का जन्म: उन्होंने २००४ के एथेंस ओलंपिक में दोहरी ट्रैप स्पर्धा में  रजत पदक  जीतकर इतिहास रच दिया। यह भारत के लिए व्यक्तिगत स्पर्धा में जीता गया पहला रजत पदक था। इस जीत ने न सिर्फ उनका नाम अमर कर दिया, बल्कि पूरे राजस्थान और विशेषकर जयपुर के लिए अपार गौरव लेकर आया। राजनीति में प्रवेश और सेवा: सेना और खेल जगत में देश का मान बढ़ाने के बाद, उन्होंने राजनीति के मैदान में कदम रखा। वे जयपुर के झोटवाड़ा से सांसद रहे और देश के केंद्रीय मंत्री (सूचना एवं प्रसारण, खेल मामले) के रूप में भी उन्होंने...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ और 26/11 के अमर शहीद: मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान

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26 नवंबर, 2008 का वह काला दिन भारत के इतिहास में एक गहरे जख्म की तरह दर्ज है। मुंबई, जो देश की आर्थिक राजधानी और सपनों का शहर है, वह आतंकवादियों के निशाने पर था। उस भीषण त्रासदी में, जहाँ निर्दोष नागरिकों की जानें गईं, वहीं भारत माता के कुछ सच्चे सपूतों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। उन्हीं में से एक नाम है,   कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ । कर्नल राठौड़ नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के '51 स्पेशल एक्शन ग्रुप' के कमांडिंग ऑफिसर थे। जब ताज महल पैलेस होटल को आतंकवादियों ने अपने कब्जे में ले लिया, तो कर्नल राठौड़ अपनी टीम के साथ सबसे आगे थे। उनकी कमांड में कमांडो आतंकवादियों का सफाया करते हुए बंधकों को सुरक्षित निकाल रहे थे। लेकिन दुश्मन छिपा हुआ था और मिशन अत्यंत जोखिम भरा। होटल की एक मंजिल पर मुठभेड़ के दौरान, कर्नल राठौड़ गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके सीने पर गोली लगी थी। इसके बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी टीम का मनोबल बनाए रखा। अंततः अपनी जान गंवाकर भी उन्होंने मिशन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का बलिदान केवल एक सैनिक की मौत नहीं है। य...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ - संविधान दिवस: लोकतंत्र की आत्मा को नमन

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  हमारा पवित्र संविधान: भारत की आत्मा और लोकतंत्र की सबसे मजबूत आधारशिला आज, संविधान दिवस के पावन अवसर पर, कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं। यह वह ऐतिहासिक दिन है जब 1949 में, स्वतंत्र भारत ने औपचारिक रूप से दुनिया के सबसे बड़े और सबसे विस्तृत लिखित संविधान को अपनाया था। यह केवल एक कानूनी दस्तावेज़ नहीं है; यह हमारे राष्ट्र का मार्गदर्शक दर्शन और प्रत्येक भारतीय की आकांक्षाओं का प्रतीक है। कर्नल राठौड़ ने इस अवसर पर संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा: "हमारा पवित्र संविधान भारत की आत्मा, लोकतंत्र की सबसे मजबूत आधारशिला और प्रत्येक नागरिक के सम्मान, अधिकार व समान अवसरों का संवाहक है।" ✨ संविधान: सम्मान, अधिकार और समान अवसर हमारा संविधान, जिसके निर्माण में डॉ. बी.आर. अंबेडकर और कई महान नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, निम्नलिखित तीन स्तंभों पर मजबूती से टिका है: प्रत्येक नागरिक का सम्मान (Dignity): संविधान सुनिश्चित करता है कि देश के हर व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के मानवीय गरिमा और सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिले। अध...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़: प्रेरणा का शॉट

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  कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने खेला क्रिकेट, मैदान पर खिलाड़ियों को किया प्रोत्साहित राजनीति के मैदान में अपनी प्रशासनिक कुशलता और विकास के विज़न के लिए जाने जाने वाले कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने हाल ही में खेल के मैदान पर उतरकर सबको चकित कर दिया। उन्होंने न केवल खिलाड़ियों के बीच समय बिताया, बल्कि स्वयं बैट थामकर शानदार शॉट्स भी लगाए और स्थानीय खिलाड़ियों का जमकर हौसला बढ़ाया। मेडल से मैदान तक: एक सच्चा खिलाड़ी एक ओलंपिक पदक विजेता (शूटिंग में) के रूप में, कर्नल राठौड़ का खेल के प्रति जुनून जगजाहिर है। लेकिन उनकी यह उपस्थिति सिर्फ एक राजनीतिक दौरा नहीं थी; यह खिलाड़ियों के साथ एक सच्चे खिलाड़ी का जुड़ाव था। प्रेरणा का स्रोत: उनकी उपस्थिति मात्र ही स्थानीय क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी प्रेरणा थी। एक वरिष्ठ नेता और ओलंपियन को अपने बीच देखना, युवा एथलीटों के लिए एक अविस्मरणीय पल था। बैटिंग से प्रोत्साहन: जब कर्नल राठौड़ ने बैटिंग के लिए पैड पहने और एक के बाद एक बेहतरीन शॉट लगाए, तो दर्शकों और खिलाड़ियों का उत्साह चरम पर पहुँच गया। उन्होंने दिखा दिया ...

अलवर स्थापना दिवस: कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की नगरी का गौरवशाली सफर

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  नमस्कार पाठकगण! आज का दिन राजस्थान के एक ऐसे शहर के लिए विशेष है, जो अपनी समृद्ध संस्कृति, अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और गौरवशाली इतिहास के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं "अलवर" की। आज ही के दिन यह खूबसूरत नगरी अस्तित्व में आई थी। इस विशेष अवसर पर हम सभी अलवरवासियों और इस शहर से प्रेम करने वालों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं। अलवर की पहचान न सिर्फ एक पर्यटन स्थल के तौर पर है, बल्कि आज यह शहर एक ऐसे युवा और ऊर्जावान नेता की कर्मभूमि भी है, जिन्होंने इसकी पहचान को एक नई दिशा दी है –  कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ । एक ओलंपियन और देश के लिए शानदार सेवा दे चुके कर्नल राठौड़ ने अलवर के विकास को हमेशा प्राथमिकता दी है। एक ऐतिहासिक धरोहर का शहर अलवर का इतिहास बेहद ही रोचक और गहरा है। यह शहर महाभारत काल के 'मत्स्य राज्य' का हिस्सा रहा है। यहाँ का  अलवर किला (बाला किला) ,  सिलीसेढ़ झील ,  विजय मंदिर महल  और  मूसी महारानी की छतरी  जैसे स्थल इसके ऐतिहासिक वैभव के मूक गवाह हैं। भानगढ़ का किला तो अपनी रहस्यमयी गाथाओं के लिए ...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ - ‘हिंद की चादर’ गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन

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  धर्म और मानवता के रक्षक: ‘हिंद की चादर’ गुरु तेग बहादुर जी को कोटि-कोटि नमन आज, सिख धर्म के नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस के पावन अवसर पर, कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने उन्हें कोटि-कोटि नमन किया है। गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान न केवल सिख धर्म के लिए, बल्कि सम्पूर्ण भारतीय संस्कृति और मानवता के इतिहास में एक अद्वितीय घटना है। उन्हें 'हिंद की चादर' कहा जाता है, यह उपाधि उनके उस सर्वोच्च बलिदान को दर्शाती है जो उन्होंने किसी एक धर्म या संप्रदाय के लिए नहीं, बल्कि धर्म की स्वतंत्रता और मानव मूल्यों की रक्षा के लिए दिया था। ✨ बलिदान का अर्थ: धर्म की स्वतंत्रता की रक्षा गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान उस समय हुआ जब तत्कालीन शासकों द्वारा लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा था। यह एक ऐसा दौर था जहाँ धार्मिक सहिष्णुता लगभग समाप्त हो चुकी थी। सर्वोच्च त्याग: उन्होंने न केवल अपनी आस्था को बचाया, बल्कि कश्मीरी पंडितों और अन्य धर्मों के लोगों के धर्म की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। यह दर्शाता है कि सच्चा धर्म वही है जो सभी के कल्याण और...

विवाह पंचमी: भगवान राम और माता सीता के पावन विवाहोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं

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  प्रिय पाठकगण, आज का दिन समस्त हिन्दू समुदाय के लिए अत्यंत पवित्र और आनंदमय है। आज हम विवाह पंचमी मना रहे हैं, वह पावन दिवस जब मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम ने जनक दुलारी माता सीता से विवाह रचाया था। यह दिवस केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि आदर्श दाम्पत्य जीवन, समर्पण, प्रेम और कर्तव्य के बंधन का प्रतीक है। मिथिला की धरती पर हुए इस दिव्य विवाह ने संस्कृति और भक्ति की एक अमर गाथा लिखी। राजा जनक के घर में जन्मी सीता, जो धरती की पुत्री थीं, का संयोग अयोध्या के सूर्यवंशी राजकुमार राम से हुआ। यह संयोग केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि दो आदर्शों, दो संस्कृतियों और दो दिव्य शक्तियों का पूर्णतया सामंजस्य था। आदर्श विवाह के सूत्र: प्रतिज्ञा और समर्पण:  राम ने सीता के लिए धनुष तोड़ा और सीता ने अपना सम्पूर्ण जीवन राम के चरणों में समर्पित कर दिया। समानता और सहयोग:  दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में पूर्ण थे, किंतु एक दूसरे के पूरक बने। मर्यादा और कर्तव्य:  उनका सम्पूर्ण जीवन मर्यादाओं में बंधा हुआ था, जो आज के युग में भी प्रासंगिक है। इस पावन अवसर पर, हम सभी को प्रभु श्...

कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़: खेलों से लेकर राजनीति तक, एक अदम्य जिजीविषा की कहानी

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  हैलो दोस्तों! आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे शख्स की जिन्होंने न सिर्फ खेल के मैदान में तिरंगा लहराकर देश का गौरव बढ़ाया, बल्कि राजनीति के क्षेत्र में आकर भी देशसेवा का जज्बा बनाए रखा। ये नाम है -  कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ । अभी हाल ही में, ट्रिब्यून जैसे प्रतिष्ठित अखबार के प्लेटफॉर्म पर उनके बारे में एक लेख और Khelo India University Games के उद्घाटन समारोह में उनकी मौजूदगी ने एक बार फिर से उन्हें चर्चा में ला दिया है। तो आइए, जानते हैं उनके सफर के कुछ अहम पड़ाव। सैन्य पृष्ठभूमि और शुरुआती जीवन राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का जन्म एक राजपूत परिवार में हुआ था और उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली के एक प्रतिष्ठित स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) से प्रशिक्षण लेकर भारतीय सेना में कर्नल के पद तक अपनी सेवाएं दीं। सेना का अनुशासन और देशभक्ति की भावना उनके व्यक्तित्व का अभिन्न अंग बन गई। एथेंस ओलंपिक 2004: वह ऐतिहासिक पल सन् 2004 का एथेंस ओलंपिक भारत के लिए एक सुनहरे इतिहास के साथ दर्ज हुआ। राज्यवर्धन राठौड़ ने डबल ट्रैप स्पर्...