कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़: बस्सी नागा की शान, राजस्थान का गौरव
नमस्कार दोस्तों,
आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे शख्सियत की जिनका नाम सुनते ही मन में सम्मान और गर्व की भावना उमड़ आती है। यह हैं हमारे पूर्व सांसद और केंत्रीय मंत्री रह चुके, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़। उनका जन्मस्थान और पैतृक गाँव हमारे ही झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बस्सी नागा है।
कर्नल राठौड़ का जीवन संघर्ष, अनुशासन और सफलता की एक मिसाल है। एक पेशेवर सैनिक के रूप में उन्होंने देश की सेवा की, और फिर खेल के मैदान में उतरकर देश का नाम रोशन किया।
एक ओलंपियन का जन्म:
उन्होंने २००४ के एथेंस ओलंपिक में दोहरी ट्रैप स्पर्धा में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह भारत के लिए व्यक्तिगत स्पर्धा में जीता गया पहला रजत पदक था। इस जीत ने न सिर्फ उनका नाम अमर कर दिया, बल्कि पूरे राजस्थान और विशेषकर जयपुर के लिए अपार गौरव लेकर आया।
राजनीति में प्रवेश और सेवा:
सेना और खेल जगत में देश का मान बढ़ाने के बाद, उन्होंने राजनीति के मैदान में कदम रखा। वे जयपुर के झोटवाड़ा से सांसद रहे और देश के केंद्रीय मंत्री (सूचना एवं प्रसारण, खेल मामले) के रूप में भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। उनकी साफ-सुथरी छवि और मेहनती स्वभाव ने उन्हें जनता के बीच अत्यधिक लोकप्रिय बनाया।
बस्सी नागा का गौरव:
कर्नल राठौड़ का संबंध बस्सी नागा ग्राम पंचायत से होना इस क्षेत्र के लिए एक गौरव की बात है। उनकी सफलता की कहानी यहाँ के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है। यह दिखाता है कि गाँव की मिट्टी में भी वह जज़्बा और काबिलियत है जो दुनिया के सबसे बड़े मंचों पर विजय पताका फहरा सकती है।
निष्कर्ष:
कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सच्चे अर्थों में एक "हीरो" हैं। वह एक बहादुर सैनिक, एक विश्वस्तर के खिलाड़ी, और एक समर्पित जनप्रतिनिधि – तीनों भूमिकाओं में उन्होंने शत-प्रतिशत देश-सेवा का भाव रखा। हमें गर्व है कि ऐसी महान शख्सियत हमारे इलाके से ताल्लुक रखती हैं।
आप उनके बारे में क्या सोचते हैं? कमेंट में जरूर बताएं।

Comments
Post a Comment