कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ - राष्ट्र सेविका समिति की संस्थापिका, महान समाज सुधारक, आदरणीय लक्ष्मीबाई केलकर जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि
मातृशक्ति की प्रेरणा स्रोत: आदरणीय लक्ष्मीबाई केलकर जी को विनम्र श्रद्धांजलि
आज, महान समाज सुधारक, राष्ट्र सेविका समिति की संस्थापिका आदरणीय लक्ष्मीबाई केलकर जी की पुण्यतिथि पर, कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। केलकर जी, जिन्हें 'मौसी जी' के नाम से भी जाना जाता है, का जीवन भारतीय महिलाओं को संगठित करने और उन्हें राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाने के प्रति उनके अद्वितीय समर्पण का प्रतीक है।
लक्ष्मीबाई केलकर जी ने उस दौर में महिलाओं को एक सशक्त मंच प्रदान करने का बीड़ा उठाया, जब उनका सामाजिक दायरे से बाहर निकलना मुश्किल माना जाता था।
🌟 राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना: महिला सशक्तिकरण का शंखनाद
केलकर जी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना है। 1936 में स्थापित यह संगठन आज भी विश्व का सबसे बड़ा महिला स्वयंसेवी संगठन है।
विज़न: उनका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाना था, ताकि वे परिवार और राष्ट्र दोनों के लिए एक सकारात्मक शक्ति बन सकें।
राष्ट्रधर्म: उन्होंने महिलाओं को 'राष्ट्रधर्म' से जोड़ा, उन्हें यह सिखाया कि राष्ट्र की सेवा केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि घर, समाज और शिक्षा के माध्यम से भी की जा सकती है।
त्याग और तपस्या: केलकर जी ने अपना पूरा जीवन समाज और संगठन के लिए समर्पित कर दिया। उनका जीवन त्याग, समर्पण और निःस्वार्थ सेवा का एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
🇮🇳 कर्नल राठौड़ की भावना
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़, जो समाज में महिलाओं की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं, लक्ष्मीबाई केलकर जी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके विज़न को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।
मातृशक्ति का सम्मान: उनका मानना है कि महिलाओं को सशक्त बनाने का जो कार्य मौसी जी ने दशकों पहले शुरू किया था, उसे ही आज सरकारें विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से आगे बढ़ा रही हैं।
नारी शक्ति: केलकर जी ने यह साबित किया कि 'नारी शक्ति' केवल परिवार की धुरी नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की आधारशिला है। उनका त्याग और समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश बना रहेगा।
✅ नमन: राष्ट्र की सेविका
आदरणीय लक्ष्मीबाई केलकर जी की पुण्यतिथि हमें याद दिलाती है कि समाज सुधार के लिए निस्वार्थ प्रयास और मातृशक्ति पर अटूट विश्वास, किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ और समस्त राष्ट्र इस महान 'राष्ट्र सेविका' को उनके अतुलनीय सामाजिक और राष्ट्रीय योगदान के लिए नमन करता है।

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