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Showing posts from September, 2025

वादा निभाया: बोबास-कालख के लिए ₹2 करोड़ की सड़क परियोजना का ऐलान, कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी का आभार

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  जयपुर। झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों के विकास की दिशा में एक बड़ी और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है। ग्राम पंचायत: बोबास, कालख की ओर से हम सभी निवासियों की तरफ से कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी का हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। वर्षों से बोबास से कालख तक के लिए पक्की सड़क की माँग समुदाय की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक थी। यह सड़क न केवल आवागमन का जरिया है, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ की हड्डी है। इस सड़क के अभाव में लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब, कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी ने अपना वादा निभाते हुए इस दिशा में ठोस कदम उठाया है। ₹25 करोड़ की एक बड़ी योजना के तहत, बोबास से कालख तक  5.7 किलोमीटर लंबी सड़क  का निर्माण  ₹2 करोड़ की लागत  से किया जाएगा। यह निर्णय निश्चित रूप से पूरे क्षेत्र के चेहरे पर मुस्कान लाएगा। इस सड़क के बनने से: गाँवों का शहरी क्षेत्रों से बेहतर जुड़ाव होगा। किसानों को अपनी फसलों को बाजार तक पहुँचाने में आसानी होगी। छात्रों और कर्मचारियों का सफर सुरक्षित और सुगम ...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ - आगे बढ़ते जाना है!

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  कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का नाम सुनते ही ज़हन में एक दृढ़-निश्चयी, बहादुर सैनिक और एक सफल शूटर की तस्वीर उभरती है। लेकिन उनकी असली कहानी तो उस पल शुरू हुई जब एक दुर्घटना ने उन्हें व्हीलचेयर तक सीमित कर दिया। क्या कोई सोच सकता है कि एक पैरा-स्पोर्ट्स एथलीट, जो अपने पैरों से नहीं चल सकता, वह दुनिया की सबसे कठिन साइकिल रेस, 'रेस अक्रॉस अमेरिका' में हिस्सा लेगा? कर्नल राठौड़ ने यह कर दिखाया। उनके लिए, व्हीलचेयर एक सीमा नहीं, बल्कि एक नई गति का वाहन बन गई। उनका जीवन-मंत्र सरल है -  "आगे बढ़ते जाना है।" यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। इसका मतलब है कि चाहे हालात कितने भी विपरीत क्यों न हों, चाहे रास्ता कितना भी ऊबड़-खाबड़ क्यों न हो, आपको बस अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना है। एक कदम, फिर एक और कदम। उन्होंने सिखाया है कि: शारीरिक सीमाएं मानसिक सीमाएं नहीं बन सकतीं।  आपका दिमाग और आपका जज़्बा आपके शरीर से कहीं ज़्यादा शक्तिशाली है। जीवन नई परिस्थितियों के अनुसार ढल जाता है।  आपको बस अपने तरीके बदलने होंगे, अपने सपने नहीं। हौसला बुलंद हो तो मंज़िल खुद-ब-...

करणी माता के अवतरण दिवस पर: जन-जन की आराध्या का स्मरण

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  माँ का स्नेह, उनकी कृपा और उनका अटूट विश्वास ही है जो इस नश्वर संसार में हमें धर्म के पथ पर चलने की शक्ति देता है। आज ऐसी ही एक शक्तिस्वरूपा, राजराजेश्वरी मातेश्वरी भगवती श्री करणी माता जी के पावन अवतरण दिवस के पुनीत अवसर पर, उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन। करणी माता, जो चूहों वाले मंदिर के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं, वास्तव में केवल एक देवी ही नहीं, बल्कि जन-जन की आराध्या हैं। उनका जीवन त्याग, सेवा, और चमत्कारों से भरा पड़ा है। राजस्थान की माटी में जन्मी इस महान संत-देवी ने न केवल आध्यात्मिक जगत को प्रकाशित किया, बल्कि समाज कल्याण के अनेकों कार्यों में अपना योगदान दिया। उनकी महिमा अपरंपार है। मान्यता है कि माता करणी जी अपने भक्तों की हर पुकार सुनती हैं और उन्हें हर संकट से रक्षा करती हैं। उनके मंदिर में विचरण करने वाले चूहे (काबा) उनके प्रिय और पवित्र माने जाते हैं, जो उनकी दिव्य उपस्थिति का एहसास कराते हैं। इस पावन दिवस पर, श्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी के शब्दों को दोहराते हुए, "माता करणी जी की कृपा सभी पर बनी रहे यही मंगलकामना है।" आइए, हम सभी इस अवसर पर माता के चरणों में ...

कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ - 'चैंपियंस अगेन' और नीले जर्सी का फिर से दबदबा!

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नमस्कार दोस्तों! कुछ समय बाद एक बार फिर वो मीठा एहसास हुआ है। वो एहसास जब सोशल मीडिया पर एक ही नाम गूंजता है – ‘चैंपियंस!’ और इस बार यह जश्न और भी खास है क्योंकि इसे एक पूर्व खिलाड़ी और देश के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाले हीरो, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बेहद खास अंदाज में व्यक्त किया। उनके ट्वीट में सिर्फ दो शब्द थे –  "Champions Again"  – लेकिन इन दो शब्दों में पूरी भावना समाई हुई है। हाँ, हम बात कर रहे हैं  भारतीय क्रिकेट टीम  की शानदार जीत की, जिसने  एशिया कप T20 2024  के फाइनल में श्रीलंका को शिकस्त देकर एक बार फिर एशिया पर अपना परचम लहराया। अनुशासित गेंदबाजी: जीत की नींव फाइनल मैच की कहानी सबसे पहले गेंदबाजी से शुरू हुई। भारतीय गेंदबाजों ने जिस तरह की अनुशासित लाइन और लंबाई बनाए रखी, वह देखने लायक थी। जसप्रीत बुमराह की घातक यॉर्कर, अर्शदीप सिंह की स्विंग, और कुलदीप यादव की चालाक स्पिन ने श्रीलंकाई बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी। उन्होंने न सिर्फ विकेट झटके, बल्कि रन रोककर दबाव बनाए रखा। यह वही नींव थी जिस पर भारत की जीत की इमारत खड़ी हुई। निडर बल्लेबाजी...

राजस्थान के निर्यात में ऐतिहासिक उछाल: कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने बताया 16% से अधिक वृद्धि का राज

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  नमस्कार पाठकों! आज हम राजस्थान की आर्थिक प्रगति की एक ऐतिहासिक उपलब्धि पर चर्चा करने जा रहे हैं। हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों ने यह साबित कर दिया है कि राजस्थान न केवल अपनी संस्कृति और पर्यटन के लिए, बल्कि अब आर्थिक मोर्चे पर भी एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभर रहा है। केंद्र सरकार के वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंतिम निर्यात आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान का कुल निर्यात वित्तीय वर्ष 2024-25 में  97,171.68 करोड़ रुपये  के शानदार आंकड़े को छू गया है। यह पिछले वर्ष 2022-23 के  83,704.24 करोड़ रुपये  के निर्यात की तुलना में एक जबरदस्त उछाल है। राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री,  कर्नल राज्यवर्धन राठौड़   ने इस उपलब्धि की पुष्टि करते हुए बताया कि राज्य के निर्यात में  16 प्रतिशत से अधिक की रिकॉर्ड वृद्धि  दर्ज की गई है। इस वृद्धि के पीछे क्या हैं मुख्य वजहें? यह सफर कोई एक दिन की उपलब्धि नहीं है। इसके पीछे राज्य सरकार की सतत प्रयासों की एक लंबी कहानी है: निवेशक-अनुकूल नीतियाँ:  राजस्थान सरकार ने व्यवसाय शुरू करने और चलाने की प्रक्रिया को आसा...

कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़: सेना के जांबाज से लेकर राजनीति के धुरंधर तक का सफर

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  नमस्कार दोस्तों! सभी को माँ दुर्गा के षष्ठम स्वरूप देवी कात्यायनी जी को समर्पित शारदीय नवरात्रि के छठवें दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।  माँ कात्यायनी साहस, शक्ति और निर्णय की देवी हैं। आज का दिन उन व्यक्तित्वों को याद करने का है जिन्होंने अपने अदम्य साहस और दृढ़ निश्चय से देश का नाम रोशन किया है। ऐसे ही एक शख्सियत हैं - कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ । राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक ऐसी मिसाल हैं जो फौजी वीरता और राजनीतिक कौशल के बीच एक सशक्त सेतु का काम करती है। आइए, आज नवरात्रि के इस पावन छठे दिन पर हम उनके जीवन के कुछ प्रमुख पहलुओं पर नज़र डालते हैं। सैन्य जीवन: देश की सेवा में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भारतीय सेना में एक कर्नल रहे हैं। उन्होंने 9/11 ग्रेनेडियर्स में अपनी सेवाएं दीं। एक पैरा (कमांडो) अधिकारी के रूप में, उन्होंने कठिनतम प्रशिक्षण प्राप्त किया और देश की सुरक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी इस फौजी अनुशासन और देशभक्ति की भावना ने आगे चलकर उनके हर कार्यक्षेत्र में उनका मार्गदर्शन किया। खेल जगत: ओलंपिक में तिरंगा लहराने वाले पहले शूटर 20...

मन की बात' का 108वां एपिसोड: प्रधानमंत्री मोदी से एक और प्रेरणादायक संवाद की प्रतीक्षा

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  नमस्कार दोस्तों! एक बार फिर पूरा देश एक ऐसे कार्यक्रम का इंतजार कर रहा है जो सिर्फ रेडियो पर नहीं, बल्कि हर भारतीय के दिल में जगह बना चुका है। हाँ, हम बात कर रहे हैं लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' की। केंद्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने हाल ही में एक बेहद महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी 28 सितंबर, रविवार की सुबह 11 बजे एक बार फिर देशवासियों से 'मन की बात' करेंगे। यह इस श्रृंखला का  108वां एपिसोड  होगा। यह संख्या सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि लगातार और निरंतर संवाद की एक मिसाल है। 108 का आंकड़ा हमारे यहाँ बहुत पवित्र माना जाता है और यह इस बात का प्रतीक है कि कैसे यह कार्यक्रम देश के कोने-कोने में लोगों की आशाओं, सपनों और उनकी सफलताओं से जुड़ा हुआ है। क्यों सुननी चाहिए इस बार की 'मन की बात'? सीधा संवाद:  यह एक ऐसा मंच है जहाँ प्रधानमंत्री जनता के साथ बिना किसी मध्यस्थ के सीधे जुड़ते हैं। प्रेरणा का स्रोत:  हर एपिसोड में देश के सामान्य नागरिकों की असाधारण कहानियाँ सामने आती हैं, जो हम सभी के लिए प्र...

कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ - गर्व से कहें, ये स्वदेशी हैं!

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  प्रिय पाठकगण, भारत की शान बढ़ाने वाले ऐसे कई सितारे हैं जिनकी चमक समय के साथ और भी तेज होती जाती है। ऐसे ही एक देशभक्त, खिलाड़ी और नेता हैं - कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ । उनकी जीवन यात्रा सुनकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। वाकई, उन पर हम गर्व से कह सकते हैं, "ये स्वदेशी हैं!" एक सैनिक का दिल: राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सेना में रहते हुए देश की सेवा की। भारतीय सेना की 9 ग्रेनेडियर रेजिमेंट में कर्नल के पद पर रहते हुए उन्होंने जो अनुशासन, देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा सीखी, वह आज तक उनके व्यक्तित्व का हिस्सा है। एक सैनिक के रूप में उनकी छवि आज भी उनके चेहरे पर साफ झलकती है। एथेंस ओलंपिक में ऐतिहासिक सफलता: साल 2004 का एथेंस ओलंपिक भारत के लिए ऐतिहासिक रहा। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने डबल ट्रैप शूटिंग स्पर्धा में  रजत पदक  जीतकर इतिहास रच दिया। यह भारत का उस ओलंपिक में एकमात्र पदक था और व्यक्तिगत स्पर्धा में जीता गया यह पहला रजत पदक था। तिरंगा लहराते देख और राष्ट्रगान बजते सुनने का जो गर्व उन्होंने हर भारतीय को महसूस कराया, वो अविस्मरणीय है। राजनीति: देशसेवा का द...

झोटवाड़ा वार्ड 43 में नई सड़क निर्माण से खुशहाली, कर्नल राठौर की पहल पर मिली स्वीकृति

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  नमस्कार पाठकगण! झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के विकास की गाथा में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। वार्ड नंबर 43 के जगदम्बा नगर से हरनाथपुरा तक बनने वाली नई सड़क के निर्माण कार्य को आखिरकार स्वीकृति मिल गई है। यह शानदार खबर क्षेत्र के सांसद, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर के constant efforts और जनता के प्रति उनके commitment का जीता-जागता सबूत है। इस महत्वपूर्ण परियोजना की मुख्य बातें: ✅ स्वीकृत लागत:  ₹20 लाख ✅ सड़क की लंबाई:  0.5 किलोमीटर 📍 स्थान:  वार्ड नंबर 43, जगदम्बा नगर से हरनाथपुरा तक, झोटवाड़ा, जयपुर। इस आधा किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण सिर्फ एक infrastructure project नहीं, बल्कि सैकड़ों परिवारों के जीवन में सुविधा और सुरक्षा लाने वाला एक मजबूत पुल है। इससे क्षेत्र के निवासियों को रोजमर्रा की आवाजाही में आने वाली दिक्कतों से निजात मिलेगी। बच्चों के स्कूल जाने का रास्ता, बुजुर्गों की सैर की पगडंडी और युवाओं के रोजगार तक पहुंच का मार्ग अब सुगम और सुरक्षित होगा। यह परियोजना साबित करती है कि जब जनप्रतिनिधि जनता की सुनते हैं और प्रशासन उस पर अमल करता है, तो विकास...

ईश्वर चंद्र विद्यासागर: एक ऐसा दीपक जिसकी लौ ने समाज का मार्ग प्रकाशित किया

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  प्रस्तावना: आज हम सभी एक ऐसे महान व्यक्तित्व की जयंती मना रहे हैं, जिनका नाम ही शिक्षा, नैतिकता और सामाजिक क्रांति का पर्याय है – महर्षि ईश्वर चंद्र विद्यासागर। कोलोनल राज्यवर्धन सिंह राठौर द्वारा दी गई इस श्रद्धांजलि में निहित भावना को आगे बढ़ाते हुए, आइए आज हम उनके जीवन और विरासत पर एक गहरी नज़र डालते हैं। शिक्षाविद् के रूप में विद्यासागर: उनका उपनाम 'विद्यासागर' ही उनकी विद्वता की गहराई को दर्शाता है। उन्होंने संस्कृत शिक्षा में गहरी पैठ हासिल की, लेकिन उनकी सबसे बड़ी देन थी शिक्षा को सर्वसुलभ बनाना। उन्होंने बंगाल में 'बहुविवाह' प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई और विधवा पुनर्विवाह के लिए कानून बनवाने में अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया और कई स्कूलों की स्थापना की। समाज सुधारक की भूमिका: विद्यासागर जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन मानवता की सेवा में लगा दिया। वे सिर्फ विद्वान ही नहीं, बल्कि एक करुणामय इंसान थे। उन्होंने नारी उत्थान के लिए अथक संघर्ष किया। विधवाओं की दयनीय स्थिति से वे अत्यंत व्यथित थे और उनके पुनर्वास के लिए हमेशा प्रयासरत रहे। उनका ज...

पंचमी के दिन मां स्कन्दमाता की कृपा और कल्याण की कामना: राज्यवर्धन सिंह राठौर का संदेशb

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  नमस्कार पाठकों, शारदीय नवरात्रि का यह पावन पर्व हम सभी के जीवन में नई ऊर्जा और आशा का संचार करता है। इस पवित्र नवदिनीय उत्सव का प्रत्येक दिन देवी मां के एक विशेष रूप को समर्पित है। पंचम दिवस, जो देवी के पांचवें स्वरूप  मां स्कन्दमाता  जी को समर्पित है, विशेष महत्व रखता है। इस शुभ अवसर पर पूर्व ओलंपियन और केंद्रीय मंत्री  कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर  जी ने सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने मां स्कन्दमाता जी की कृपा से सभी के जीवन में समृद्धि की कामना व्यक्त की है। मां स्कन्दमाता: ज्ञान और साधना की देवी मां स्कन्दमाता, जिन्हें देवी पार्वती के रूप में भी जाना जाता है, भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं। यह रूप ज्ञान, शक्ति और मोक्ष का प्रतीक है। इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से वह एक हाथ से अपने पुत्र स्कंद को गोद में लिए रहती हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी उपासना से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। कर्नल राठौर का संदेश और सामाजिक सद्भाव कर्नल राठौर जैसे जनप्रतिनिधि जब ऐसे धार्मिक अवसरों प...

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा: राजस्थान के लिए एक ऐतिहासिक पल, प्रधानमंत्री मोदी का 1.08 लाख करोड़ के विकास प्रोत्साहन के लिए आभार

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  आज राजस्थान के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। जयपुर के सांसद, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ठीक ही कहा है कि यह राज्य के लिए एक "ऐतिहासिक पल" है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने राजस्थान को 1 लाख 8 हजार 468 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का तोहफा दिया है, जिसमें माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास एक क्रांतिकारी कदम है। यह निवेश सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है; यह राजस्थान के भविष्य की नींव रखने वाला एक सशक्त प्रयास है। माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के नेतृत्व में राज्य सरकार और केंद्र की डबल इंजन सरकार की यह साझा कोशिश साबित करती है कि राजस्थान के विकास के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से संकल्पित है। माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा प्रोजेक्ट: एक गेम-चेंजर यह परियोजना ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने वाली है। इससे न केवल राज्य को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होगी, बल्कि इसके निर्माण और संचालन के दौरान हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। यह कदम राजस्थान को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्व...

वीरता की अमर गाथा: श्रद्धांजलि सेना के वीर सपूत बबलू सिंह जी

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  आज का दिन राजस्थान के चूरू जिले के लिए, और वास्तव में पूरे देश के लिए, एक अत्यंत दुःखद और कलेजा चीरने वाली खबर लेकर आया है। हमारे देश के एक और वीर सिपाही, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के साहसिक नेतृत्व में चलने वाले एक जवान, बबलू सिंह जी, ने मां भारती की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। यह समाचार सुनकर मन अवर्णनीय दुःख से भर गया। ऐसे वीर जवानों के बलिदान के बिना हमारी शांतिपूर्ण सुबह की कल्पना भी नहीं की जा सकती। बबलू सिंह जी ने अपना आज हमारे कल के लिए न्योछावर कर दिया। वह चूरू की उस पवित्र धरा का सपूत थे, जिसने इतिहास में अनेक वीरों को जन्म दिया है। इन शब्दों के माध्यम से, मैं उनकी दिवंगत पुण्यात्मा के प्रति अपनी गहरी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि वह इस अमर सपूत को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें। इस अथाह दुःख की घड़ी में, मेरी गहन संवेदनाएं उनके शोकाकुल परिवार के साथ हैं। ईश्वर उन्हें यह अपार दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। बबलू सिंह जी का बलिदान हमें यह याद दिलाता है कि हमारी स्वतंत्रता और सुरक्षा की कीमत कुछ अनमोल ह्रदयों के अ...

कैरियर काउंसलिंग और रोजगार मेला: युवाओं के भविष्य को नई दिशा देता एक सार्थक आयोजन

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श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती के पावन अवसर पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम ने झोटवाड़ा क्षेत्र के युवाओं के लिए उज्ज्वल भविष्य के द्वार खोल दिए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक, धानक्या, झोटवाड़ा में आयोजित यह 'कैरियर काउंसलिंग और रोजगार मेला' न केवल एक आयोजन था, बल्कि युवाओं के सपनों को पंख देने का एक सशक्त मंच साबित हुआ। इस कार्यक्रम की सफलता का आंकड़ा स्वयं अपनी कहानी कहता है –  517 से अधिक उत्साही युवाओं  ने इसमें भाग लेकर अपने कैरियर को लेकर मार्गदर्शन प्राप्त किया। यह आंकड़ा सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि सैकड़ों परिवारों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। आयोजन का मुख्य आकर्षण: कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का मार्गदर्शन इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता थी स्वयं कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का उपस्थित होना और युवाओं से सीधा संवाद। एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व और सेवा-भाव से ओत-प्रोत नेता के रूप में कर्नल राठौड़ ने युवाओं को न सिर्फ प्रेरित किया, बल्कि उनकी जिज्ञासाओं और चुनौतियों का ठोस समाधान भी प्रस्तुत किया। उन्होंने विभिन्न कैरियर विकल्पों, रोजगार ...

स्वच्छ ऊर्जा: 21वीं सदी में भारत की ताकत का नया आधार

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  नमस्कार पाठकगण! हाल ही में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने एक महत्वपूर्ण बात कही, जो हमारे देश के भविष्य की राह को रोशन करती है। उन्होंने कहा,  "21वीं सदी में जिस देश को तेजी से विकास करना है, उसे अपने यहां बिजली उत्पादन बढ़ाना ही होगा। इसमें सबसे सफल वही देश होंगे, जो स्वच्छ ऊर्जा में आगे रहेंगे।" यह केवल एक बयान नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी रणनीति की झलक है। आइए, इसके गहरे मायने समझते हैं। विकास की रीढ़ है बिजली आज का युग टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री का युग है। हर क्षेत्र, चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, उद्योग हो या कृषि, बिजली पर निर्भर है। बिना पर्याप्त और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति के तेज गति से विकास की कल्पना करना बेमानी है। भारत जैसे विशाल और महत्वाकांक्षी देश के लिए यह और भी जरूरी हो जाता है। लेकिन सवाल यह है कि बिजली कैसे पैदा की जाए? पारंपरिक तरीके, जैसे कोयला आधारित बिजलीघर, पर्यावरण के लिए घातक हैं। वे प्रदूषण फैलाते हैं और जलवायु परिवर्तन की बड़ी वजह बनते हैं। यहीं पर 'स्वच्छ ऊर्जा' की अवधारणा हमारे लिए मार्गदर्शक बनती है। स्वच्छ ऊर्जा: वरदान या जरूरत? सौर ऊर्जा, पवन...

"मेक इन इंडिया: एक आत्मनिर्भर भारत की ओर निर्णायक कदम"

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  प्रधानमंत्री @narendraModi जी के नेतृत्व में शुरू किया गया 'मेक इन इंडिया' अभियान देश के आर्थिक इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जैसे दूरदर्शी नेताओं द्वारा समय-समय पर इसकी सराहना की जाती रही है। यह अभियान सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था के डीएनए में एक मौलिक बदलाव लाने वाला कार्यक्रम रहा है। एक समय था जब भारत इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर रक्षा उपकरणों तक में आयात पर निर्भर था। लेकिन आज का भारत बदल चुका है। 'मेक इन इंडिया' ने भारत को एक वैश्विक निर्यातक के रूप में स्थापित किया है। सेमीकंडक्टर, फार्मा, रिन्यूएबल एनर्जी और डिफेंस सेक्टर में भारत ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इस सफलता के पीछे हैं रिकॉर्ड तोड़ एफडीआई प्रवाह, देशव्यापी इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड (जैसे नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन), और साहसिक सुधार। इन सबके चलते भारत आज दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विनिर्माण केंद्रों में से एक बन गया है। यह परिवर्तन केवल आर्थिक आंकड़ों तक सीमित नहीं है। इसने लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर दिए हैं, वैश्विक निवेशकों का भरोसा ...

श्रद्धांजलि: श्रद्धेय के. जना कृष्णमूर्ति जी की पुण्यतिथि पर स्मरण

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  आज का दिन भारतीय जनता पार्टी के इतिहास और भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्तंभ, श्रद्धेय  के. जना कृष्णमूर्ति जी  की पुण्यतिथि के रूप में दर्ज है। इस अवसर पर, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जी ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है, जो उनके प्रति सम्मान और उनके योगदान की गहनता को दर्शाता है। श्री कृष्णमूर्ति जी ने 2001-2002 के दौरान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में तथा अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में देश की सेवा की। लेकिन उनका व्यक्तित्व पदों से कहीं अधिक विस्तृत था। वे एक ऐसे नेता थे जिनकी छवि एक साधारण, अनुशासित और सिद्धांतों पर चलने वाले व्यक्ति की थी। उनकी राजनीतिक समझ और संगठनात्मक कौशल ने पार्टी को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई। उनका जीवन सादगी और ईमानदारी का एक जीवंत उदाहरण था। उन्होंने जिस तरह से राजनीति में नैतिक मूल्यों को बनाए रखा, वह आज के दौर में और भी प्रासंगिक हो जाता है। वे केवल एक नेता ही नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक थे, जिनसे पीढ़ियों ने सीखा। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी का श्रद्धासुमन अर्प...