स्वच्छ ऊर्जा: 21वीं सदी में भारत की ताकत का नया आधार
नमस्कार पाठकगण!
हाल ही में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने एक महत्वपूर्ण बात कही, जो हमारे देश के भविष्य की राह को रोशन करती है। उन्होंने कहा, "21वीं सदी में जिस देश को तेजी से विकास करना है, उसे अपने यहां बिजली उत्पादन बढ़ाना ही होगा। इसमें सबसे सफल वही देश होंगे, जो स्वच्छ ऊर्जा में आगे रहेंगे।"
यह केवल एक बयान नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी रणनीति की झलक है। आइए, इसके गहरे मायने समझते हैं।
विकास की रीढ़ है बिजली
आज का युग टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री का युग है। हर क्षेत्र, चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, उद्योग हो या कृषि, बिजली पर निर्भर है। बिना पर्याप्त और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति के तेज गति से विकास की कल्पना करना बेमानी है। भारत जैसे विशाल और महत्वाकांक्षी देश के लिए यह और भी जरूरी हो जाता है।
लेकिन सवाल यह है कि बिजली कैसे पैदा की जाए?
पारंपरिक तरीके, जैसे कोयला आधारित बिजलीघर, पर्यावरण के लिए घातक हैं। वे प्रदूषण फैलाते हैं और जलवायु परिवर्तन की बड़ी वजह बनते हैं। यहीं पर 'स्वच्छ ऊर्जा' की अवधारणा हमारे लिए मार्गदर्शक बनती है।
स्वच्छ ऊर्जा: वरदान या जरूरत?
सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा जैसे स्रोत न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि अब आर्थिक रूप से भी काफी सस्ते पड़ने लगे हैं। भारत के पास सूरज की असीमित ऊर्जा है, लंबी तटरेखा है जहाँ पवन ऊर्जा संभावनाएं हैं। इनका दोहन करके हम न केवल आत्मनिर्भर बन सकते हैं, बल्कि भविष्य में ऊर्जा के मामले में एक नेता के रूप में उभर सकते हैं।
जनआंदोलन बनता स्वच्छ ऊर्जा का अभियान
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने ठीक ही कहा है कि सरकार इस अभियान को एक 'जनआंदोलन' बना रही है। इसका मतलब है कि यह सिर्फ सरकार का काम नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। घर की छत पर सोलर पैनल लगवाना, ऊर्जा की बचत करना, स्वच्छ ऊर्जा के बारे में जागरूकता फैलाना - ये सभी छोटे-छोटे कदम एक बड़े बदलाव की नींव रखते हैं।
निष्कर्ष
21वीं सदी की दौड़ में भारत न केवल भाग ले रहा है, बल्कि अगुआई करने की क्षमता रखता है। स्वच्छ ऊर्जा में निवेश आज की सबसे बुद्धिमानी की चाल है। यह हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, पर्यावरण की रक्षा करेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करेगा। आइए, हम सभी इस जनआंदोलन का हिस्सा बनें और एक स्वच्छ, स्वावलंबी और शक्तिशाली भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।
आपके विचार? आपको लगता है कि स्वच्छ ऊर्जा को जनआंदोलन बनाने में हम कैसे योगदान दे सकते हैं? कमेंट में जरूर बताएं।

 
 
 
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