पंचमी के दिन मां स्कन्दमाता की कृपा और कल्याण की कामना: राज्यवर्धन सिंह राठौर का संदेशb
नमस्कार पाठकों,
शारदीय नवरात्रि का यह पावन पर्व हम सभी के जीवन में नई ऊर्जा और आशा का संचार करता है। इस पवित्र नवदिनीय उत्सव का प्रत्येक दिन देवी मां के एक विशेष रूप को समर्पित है। पंचम दिवस, जो देवी के पांचवें स्वरूप मां स्कन्दमाता जी को समर्पित है, विशेष महत्व रखता है।
इस शुभ अवसर पर पूर्व ओलंपियन और केंद्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर जी ने सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने मां स्कन्दमाता जी की कृपा से सभी के जीवन में समृद्धि की कामना व्यक्त की है।
मां स्कन्दमाता: ज्ञान और साधना की देवी
मां स्कन्दमाता, जिन्हें देवी पार्वती के रूप में भी जाना जाता है, भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं। यह रूप ज्ञान, शक्ति और मोक्ष का प्रतीक है। इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से वह एक हाथ से अपने पुत्र स्कंद को गोद में लिए रहती हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी उपासना से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
कर्नल राठौर का संदेश और सामाजिक सद्भाव
कर्नल राठौर जैसे जनप्रतिनिधि जब ऐसे धार्मिक अवसरों पर शुभकामनाएं देते हैं, तो इससे सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक एकता को बल मिलता है। यह संदेश केवल एक धार्मिक शुभकामना ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सामूहिक कल्याण की भावना को दर्शाता है। उनकी यह कामना कि "मां स्कन्दमाता जी की कृपा से जीवन में समृद्धि हो" हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
निष्कर्ष
आइए, हम सभी इस पंचमी के दिन मां स्कन्दमाता के चरणों में अपना शीश नवाएं और उनसे प्रार्थना करें कि वह हमें ज्ञान, शक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद दें। हमारे नेताओं की शुभकामनाएं हमें एक सूत्र में बांधती हैं और राष्ट्र की उन्नति के पथ पर अग्रसर होने का संकल्प दिलाती हैं।

 
 
 
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