कर्नल राज्यवर्धन राठौड़: मां भारती के वीर सपूत कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया जी को सादर नमन

 


 परमवीर चक्र विजेता कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया जी की जयंती: वीरता की अमर गाथा

आज, भारत माता के उस वीर सपूत को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिसने अपने अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान से भारतीय सेना के शौर्य को विश्व पटल पर स्थापित किया। माननीय कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने परमवीर चक्र (PVC) से सम्मानित कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन किया है।

कैप्टन सलारिया जी की वीरता की गाथा न केवल भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है, बल्कि वह हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

✨ एक असाधारण बलिदान की कहानी

कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया 3/1 गोरखा राइफल्स के अधिकारी थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना (UN Peacekeeping Force) के एक मिशन के दौरान कांगो (1961) में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।

  • अदम्य साहस: 5 दिसंबर 1961 को, कांगो के एलिज़ाबेथविले में, कैप्टन सलारिया को एक अवरोध को हटाना था, जिसका उद्देश्य विद्रोही ताकतों को एयरपोर्ट तक पहुँचने से रोकना था।

  • अकेले दम पर सामना: जब उनकी टुकड़ी पर 150 से अधिक विद्रोहियों ने हमला किया, तब कैप्टन सलारिया ने अपनी गोरखा टुकड़ी का नेतृत्व करते हुए, संख्या में बहुत अधिक होने के बावजूद, शत्रुओं पर टूट पड़े।

  • विजय और बलिदान: उन्होंने बहादुरी से लड़ते हुए कई विद्रोहियों को मार गिराया और उनकी ताकत को तोड़ दिया। हालांकि, इस भीषण लड़ाई में वे खुद गंभीर रूप से घायल हो गए और वीरगति को प्राप्त हुए।

उनकी इस असाधारण वीरता, नेतृत्व और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए, उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान 'परमवीर चक्र' से सम्मानित किया गया। वह UN शांति मिशन में परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले एकमात्र भारतीय हैं।

🎖️ कर्नल राठौड़ का संदेश

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़, जो स्वयं एक सैन्य अधिकारी रहे हैं और राष्ट्रीय सेवा के महत्व को समझते हैं, कैप्टन सलारिया जी की जयंती पर देश के युवाओं को यह संदेश देते हैं:

"कैप्टन सलारिया जी का बलिदान हमें यह सिखाता है कि राष्ट्र सेवा के लिए साहस और समर्पण की भावना किसी भी चुनौती से बड़ी होती है। वे मां भारती के वीर सपूत थे, जिन्होंने देश की प्रतिष्ठा को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बढ़ाया। उनकी स्मृति हमें हमेशा अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत और राष्ट्र के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देती रहेगी।"


✅ नमन: शौर्य की अमर ज्योति

कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया जी की जयंती हमें याद दिलाती है कि हमारे सैनिकों का त्याग सीमाओं तक सीमित नहीं है। वे न केवल देश की रक्षा करते हैं, बल्कि वैश्विक शांति और मानवता की सेवा में भी अग्रणी रहते हैं।

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ और समस्त राष्ट्र इस महान नायक को उनकी जयंती पर श्रद्धापूर्वक नमन करता है।

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