कर्नल राज्यवर्धन राठौड़: जयपुर की मिट्टी से जुड़ाव और 'तुरंत कार्रवाई' का संकल्प
हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत क्या है? जनप्रतिनिधि का आम जन से सीधा, बिना किसी दीवार के जुड़ाव। यही दृश्य देखने को मिला जब जयपुर ग्रामीण से सांसद कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने शहर में अपने स्नेहीजनों से मुलाकात की।
यह कोई औपचारिक सभा नहीं थी, बल्कि एक स्नेहिल, पारिवारिक मिलन था। लेकिन इस मिलन की खास बात यह रही कि यहाँ सिर्फ हंसी-मज़ाक और लंबी बातचीत ही नहीं हुई, बल्कि जनसमस्याओं का त्वरित समाधान भी शुरू हो गया।
कर्नल साहब ने लोगों की व्यक्तिगत और सामुदायिक समस्याओं को गंभीरता से सुना। और फिर क्या? तुरंत संबंधित अधिकारियों को फोन लगाया गया। यह छोटा सा कदम, एक बड़ा संदेश देता है। यह संदेश है - "कार्य में देरी नहीं, समाधान में तत्परता।"
फोन करके तत्काल निर्देश देने का मकसद साफ था - "ताकि काम बिना देरी के पूरा हो सके।" आज के दौर में, जहाँ अक्सर फाइलों और प्रोटोकॉल में ही समस्याएँ उलझी रह जाती हैं, यह 'रेयल-टाइम एक्शन' एक नई राजनीतिक संस्कृति की ओर इशारा करता है।
लेकिन इस पूरी मुलाकात का सबसे अनमोल पहलू था, आप सभी लोगों का विश्वास। इसी विश्वास ने, उस स्नेह और हंसी ने, कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ को बताया कि "एक नई ऊर्जा मिली है।"
यही तो सही नेतृत्व का चक्र है। जनता का विश्वास नेता को ऊर्जा देता है, और एक सक्रिय, जवाबदेह नेता जनता के विश्वास को और मजबूत करता है।
जयपुर की इस मुलाकात ने साबित किया कि जब नेता और जनता के बीच का रिश्ता केवल वोट तक सीमित न होकर, सतत संवाद और त्वरित कार्रवाई पर टिका हो, तो विकास का रास्ता स्वतः ही स्पष्ट हो जाता है।
आखिर में, यही कामना है कि यह 'नई ऊर्जा' हमारे क्षेत्र के विकास के हर काम में गति और प्रगति का कारण बने।

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