कर्नल राज्यवर्धन राठौड़: आईआईटीएफ 2025 में स्वर्णिम राजस्थान, विरासत और नवाचार की गौरवगाथा
प्रिय पाठकगण,
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 2025 के विशाल कैनवास पर राजस्थान ने एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ा है। हमारे राज्य के पैवेलियन ने न केवल सबका ध्यान खींचा, बल्कि रिकॉर्ड बिक्री के साथ-साथ हर दृष्टि से स्वर्ण पदक का कीर्तिमान स्थापित किया है। यह उपलब्धि हमारे मेहनती शिल्पकारों, सृजनशील उद्यमियों और राज्य की अटूट सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिफल है।
यह सफलता किसी एक के प्रयास से नहीं, बल्कि सामूहिक नेतृत्व और प्रेरणा से संभव हुई है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' के दूरदर्शी मार्गदर्शन तथा माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के कुशल नेतृत्व ने इस यात्रा को दिशा दी। इस अभियान को मूर्त रूप देने में हमारे प्रदेश के कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जी का अथक परिश्रम और रणनीतिक दृष्टि सराहनीय रही।
राजस्थान पैवेलियन: एक अनूठा संगम
इस पैवेलियन में केवल उत्पाद नहीं, बल्कि राजस्थान की आत्मा बसी थी। एक ओर जहाँ ब्लू पॉटरी, बंधेज, कुंदन और लकड़ी की नक्काशी जैसी पारंपरिक कलाओं ने लोगों को मंत्रमुग्ध किया, वहीं दूसरी ओर स्टार्ट-अप्स और तकनीक-संचालित नवाचारों ने राजस्थान की प्रगतिशील सोच का परिचय दिया। यह विरासत और भविष्य का सुंदर समन्वय था।
शिल्पकारों और उद्यमियों के लिए गर्व का क्षण
यह रिकॉर्ड बिक्री सिर्फ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि हमारे हुनरमंद हाथों के सपनों की उड़ान है। इससे उन्हें न केवल राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और आर्थिक सशक्तिकरण को भी बल मिला है। यह सिद्ध करता है कि जब शासन प्रशासन कलाकार के साथ खड़ा होता है, तो परिणाम ऐतिहासिक होते हैं।
निष्कर्ष
आईआईटीएफ 2025 में राजस्थान की यह विजय केवल एक मेले में सफलता नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और आर्थिक विकास के एक नए युग का शुभारंभ है। यह पूरा प्रदेश और प्रदेशवासी इस उपलब्धि पर सिर्फ गर्व ही नहीं, बल्कि भविष्य के और भी ऊँचे लक्ष्यों के प्रति नवीन उत्साह से भरा हुआ है।
जय हिन्द! जय राजस्थान!

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