कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का सपना: झोटवाड़ा बनेगा विकास का 'मॉडल', इतिहास रचेगी आने वाली पीढ़ी
हम अक्सर राजनीतिक नेताओं से विकास के वादे सुनते हैं। लेकिन कभी-कभी कोई ऐसा विजन सामने आता है जो सिर्फ एक वादा नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक बदलाव की नींव रखने का संकल्प लगता है। ऐसा ही एक सपना कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जयपुर के झोटवाड़ा क्षेत्र के लिए देखा है।
हाल ही में, उन्होंने स्पष्ट कहा – "झोटवाड़ा को मॉडल क्षेत्र बनाएं: आने वाली पीढ़ियां कहें- यहीं से विकास की दिशा बदली थी।"
यह सिर्फ एक नारा नहीं है। यह एक मंत्र है, एक दृष्टि है जो वर्तमान को बदलने और भविष्य को गढ़ने की बात करती है।
क्यों खास है यह बयान?
झोटवाड़ा, जयपुर का एक प्रमुख और घनी आबादी वाला इलाका है, जिसे अक्सर बुनियादी सुविधाओं की कमी और उपेक्षा के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन राठौड़ का यह बयान इस धारणा को पलटने की कोशिश है। वह झोटवाड़ा को 'समस्या' के तौर पर नहीं, बल्कि 'संभावना' के केंद्र के रूप में देख रहे हैं।
'मॉडल क्षेत्र' से क्या तात्पर्य है?
एक मॉडल क्षेत्र का मतलब सिर्फ साफ-सुथरी सड़कें और नालियां नहीं है। इसका मतलब है:
समग्र विकास: शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे का संतुलित विकास।
स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर: बेहतर सड़कें, निर्बह ड्रेनेज सिस्टम, 24x7 पानी की आपूर्ति और कनेक्टिविटी।
युवाओं को सशक्तिकरण: स्किल डेवलपमेंट सेंटर, खेल के मैदान और रोजगार के अवसर।
महिला सुरक्षा और स्वावलंबन: अच्छी रोशनी वाली सड़कें, सेल्फ-हेल्प ग्रुप और सुरक्षा के इंतजाम।
हरित विकास: पार्क, हरियाली और पर्यावरण संरक्षण।
"यहीं से विकास की दिशा बदली थी"
यह पंक्ति सबसे ज्यादा प्रेरित करती है। यह एक ऐतिहासिक दृष्टिकोण को दर्शाती है। राठौड़ साहब सिर्फ चुनावी वादा नहीं कर रहे, बल्कि एक ऐसी विरासत बनाने की बात कर रहे हैं जिस पर आने वाली पीढ़ियों को गर्व हो। वह चाहते हैं कि लोग भविष्य में झोटवाड़ा को एक उदाहरण के तौर पर याद करें, जहां से पूरे क्षेत्र के विकास की नई इबारत लिखी गई।
निष्कर्ष:
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का यह विजन निस्संदेह सराहनीय है। यह एक कल्पना से ज्यादा एक रोडमैप की तरह है। सवाल यह है कि इस सपने को जमीन पर कैसे उतारा जाएगा। इसके लिए जनता के सहयोग, प्रशासनिक इच्छाशक्ति और सतत प्रयासों की जरूरत होगी।
अगर यह सपना सचमुच साकार होता है, तो निश्चित ही झोटवाड़ा सिर्फ जयपुर का नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए विकास का एक प्रेरणादायक 'मॉडल' बन जाएगा। और तब, आने वाली पीढ़ियां सचमुच कह पाएंगी – "यहीं से विकास की दिशा बदली थी।"
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