कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का सादर नमन - याद करते हैं जतीन्द्रनाथ दास की अमर शहादत
आज का दिन भारतीय इतिहास में एक ऐसे वीर की अमर शहादत की याद दिलाता है जिसने अपनी जवानी, अपना सब कुछ देश की आज़ादी के लिए बलिदान कर दिया। आज ही के दिन, 13 सितंबर, 1929 को, महान क्रांतिकारी जतीन्द्रनाथ दास ने लाहौर षडयंत्र केस में भूख हड़ताल करते हुए अपने प्राण त्याग दिए थे।
और आज, हमारे माननीय कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जी ने इस पावन अवसर पर उन्हें याद करते हुए, उन्हें सादर नमन किया है। यह एक पीढ़ी का दूसरी पीढ़ी को सलामी है। एक सेना के वीर अफसर का, एक देशभक्त क्रांतिकारी को सम्मान।
जतीन्द्रनाथ दास, जिन्हें हम 'देशप्रेमी' के नाम से भी जानते हैं, सिर्फ 24 साल के थे जब उन्होंने भारत की आज़ादी की लड़ाई में अपनी अंतिम सांस ली। उन्होंने जेल में कैदियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ 63 दिनों तक भूख हड़ताल जारी रखी। उन्होंने एक बूंद पानी तक नहीं पिया। अंग्रेजी सरकार की ज़ुल्म की नीतियों के आगे उन्होंने अपने शरीर को झुकने नहीं दिया।
कर्नल राठौड़ जी का यह ट्वीट या संदेश सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है। यह एक महत्वपूर्ण स्मरण है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारी आज की आज़ादी की नींव में ऐसे असंख्य वीरों का बलिदान है, जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिए कुर्बान कर दिया।
आइए, आज हम भी कर्नल राठौड़ जी के इस भाव का अनुसरण करते हुए शहीद जतीन्द्रनाथ दास को याद करें। उनकी अदम्य साहस, अटूट देशभक्ति और अविश्वसनीय त्याग की कहानी को अपनी अगली पीढ़ी को जरूर सुनाएं।
नमन है उस महान आत्मा को!
जय हिन्द!
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