कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का सन्देश: ऋषि पंचमी और आधुनिक जीवन में इसका महत्व



 नमस्कार दोस्तों,

आज एक बहुत ही पवित्र और विशेष पर्व है – ऋषि पंचमी। इस अवसर पर पूर्व ओलंपियन और हमारे प्रिय नेता कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जी ने समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।

उनका यह संदेश केवल एक औपचारिक बधाई भर नहीं है, बल्कि इस त्योहार के गहरे अर्थ को याद दिलाने का एक सुअवसर है।

ऋषि पंचमी क्यों मनाई जाती है?

हमारा भारतीय संस्कृति और परंपराएं हमें प्रकृति और ज्ञान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना सिखाती हैं। ऋषि पंचमी का पर्व उन सभी ऋषियों-मुनियों के प्रति आभार प्रकट करने का दिन है, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन ज्ञान की खोज, मानव कल्याण और समाज को सही दिशा देने में लगा दिया। वेदों, उपनिषदों, और अनगिनत शास्त्रों की रचना करने वाले इन महान विभूतियों के बिना हमारी सभ्यता की नींव अधूरी होती।

कर्नल राठौड़ का संदेश और आधुनिक संदर्भ

कर्नल राठौड़ एक सैनिक, एक खिलाड़ी और एक जनप्रतिनिधि के रूप में हमेशा से ही अनुशासन, कर्तव्यपरायणता और राष्ट्रभक्ति के प्रतीक रहे हैं। जब ऐका व्यक्तित्व ऋषि पंचमी की शुभकामनाएं देता है, तो उसका आशय स्पष्ट होता है।

वह हमें याद दिला रहे हैं कि देश की प्रगति के लिए केवल भौतिक विकास ही काफी नहीं है। हमें अपने बौद्धिक और नैतिक ऋषियों के बताए मार्ग को भी अपनाना होगा। आज के दौर में, जहाँ जानकारी की भरमार है, वहाँ 'ज्ञान' की पहचान करना और उसे अपने जीवन में उतारना ही सच्ची साधना है।

निष्कर्ष

आइए, इस ऋषि पंचमी के पावन अवसर पर हम सभी अपने भीतर के ज्ञान को जागृत करने का संकल्प लें। हम अपने बच्चों को हमारे प्राचीन ग्रंथों और उनके ज्ञान से अवगत कराएं। समाज में सत्य, अहिंसा और सेवा भाव का प्रसार करें।

कर्नल राठौड़ जी के शब्दों में, "समस्त देशवासियों को ऋषि पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।"

आप सभी को भी इस पवित्र पर्व की ढेरों शुभकामनाएं!

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