झोटवाड़ा में स्वदेशी की नई क्रांति: कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का नेतृत्व
झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र आज ‘स्वदेशी अपनाओ’ अभियान की एक जीवंत मिसाल बनकर उभर रहा है। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के मार्गदर्शन में य
हाँ के नागरिकों ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का संकल्प लिया है।
एक सैनिक का दृष्टिकोण:
कर्नल राठौड़, एक सेवानिवृत्त army officer हैं। उन्हें देश की सेवा और जमीन पर काम करने का गहरा अनुभव है। उनका मानना है कि देश की आर्थिक सुरक्षा, उसकी सैन्य सुरक्षा जितनी ही महत्वपूर्ण है। और यह आर्थिक सुरक्षा तभी मजबूत होगी जब हम अपने स्थानीय उद्योगों, कारीगरों और उत्पादों को प्राथमिकता देंगे।
झोटवाड़ा में क्या बदलाव आए हैं?
स्थानीय दुकानदारों और ग्राहकों में स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
स्थानीय हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की मांग में वृद्धि हुई है।
एक सामुदायिक भावना का विकास हुआ है, जहाँ हर कोई ‘वोकल फॉर लोकल’ को चरितार्थ कर रहा है।
निष्कर्ष:
झोटवाड़ा की यह पहल साबित करती है कि प्रधानमंत्री मोदी जी का विजन और कर्नल राठौड़ जैसे समर्पित नेताओं का नेतृत्व, ग्रासरूट लेवल पर वास्तव में बदलाव ला सकता है। यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय Movement है, जिसकी जड़ें झोटवाड़ा जैसे इलाकों में मजबूत हो रही हैं।
आइए, हम भी इस मुहिम से जुड़ें और स्वदेशी अपनाकर देश के निर्माण में अपना योगदान दें।
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