कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ – कैलाश मानसरोवर यात्रा का पुनः शुभारंभ
कैलाश मानसरोवर, भगवान शिव का पवित्र धाम, जिसे हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म में अत्यंत पूज्यनीय माना जाता है, एक बार फिर से यात्रियों के लिए खुल गया है। लंबे समय के बाद इस पवित्र यात्रा का शुभारंभ हुआ है, जिससे भक्तों में उत्साह और आस्था की नई लहर दौड़ गई है।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़, एक वीर सैनिक और प्रेरणादायक व्यक्तित्व, ने भी इस यात्रा के महत्व को रेखांकित किया है। उनका मानना है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा न केवल आध्यात्मिक बल्कि भारत-चीन सीमा क्षेत्र में सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है।
इसी वर्ष, 3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा भी शुरू होने वाली है और सावन का पवित्र महीना नजदीक है। कुछ दिन पहले ही हमने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का पावन उत्सव देखा। ये सभी यात्राएँ और त्योहार भारत की सनातन संस्कृति की गहराई और विविधता को दर्शाते हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा कठिनाइयों से भरी होती है, लेकिन श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस यात्रा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिमालय की ऊँचाइयों पर स्थित यह तीर्थ स्थल न केवल धार्मिक बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य से भी परिपूर्ण है।
इस यात्रा के पुनः शुरू होने से भारत की आध्यात्मिक परंपरा को नया बल मिला है। जय भोले नाथ!
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