उद्योग विभाग और लघु उद्योग भारती के साथ समाधान की दिशा
राज्यवर्धन राठौड़ ने इस बैठक की शुरुआत करते हुए कहा, “राजस्थान का औद्योगिक क्षेत्र प्रदेश की आर्थिक समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यहां उद्योगों को सभी जरूरी सुविधाएं और समर्थन मिले ताकि वे विकास की दिशा में तेजी से बढ़ सकें। इस बैठक का उद्देश्य राज्य के उद्योगपतियों और श्रमिकों को प्रोत्साहित करना है, ताकि हम राजस्थान को एक आदर्श औद्योगिक राज्य बना सकें।”
बैठक में उद्योग विभाग के अधिकारियों और लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधियों ने विभिन्न औद्योगिक समस्याओं और चुनौतियों को साझा किया। इन मुद्दों में उत्पादन क्षमता में वृद्धि, सस्ती और कुशल श्रमिक शक्ति की उपलब्धता, उद्योगों के लिए नई नीतियों का निर्माण, और राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए बेहतर बुनियादी ढाँचे का निर्माण शामिल थे।
समस्याओं का समाधान और प्रगति की दिशा
राज्यवर्धन राठौड़ ने उद्योग विभाग और लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधियों से मिली जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि उद्योगों को बेहतर सुविधाएं मिलें, और साथ ही राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए उचित नीतियाँ बनाई जाएं। इसके साथ ही हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि छोटे और मंझले उद्योगों को लाभकारी समर्थन मिले, ताकि वे भी बड़े उद्योगों की तरह प्रगति कर सकें।”
बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग मित्र प्राधिकरण जैसी योजनाओं का विस्तार करेगी, जिसमें उद्योगों के लिए एक खिड़की प्रणाली (Single Window System) को लागू किया जाएगा। साथ ही, श्रमिकों के लिए प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों को और अधिक सुलभ बनाने पर भी जोर दिया जाएगा।
विकसित और समृद्ध राजस्थान के लिए रोडमैप
राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, “हमारा लक्ष्य राजस्थान को औद्योगिक दृष्टिकोण से सबसे बेहतर राज्य बनाना है। इसके लिए हमें न केवल मौजूदा उद्योगों को प्रोत्साहित करना होगा, बल्कि हमें नए उद्योगों को स्थापित करने के लिए बेहतर वातावरण भी प्रदान करना होगा। साथ ही, हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हमारे श्रमिकों को बेहतर प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिलें।”
इस बैठक में एक रोडमैप तैयार किया गया, जिसमें नई औद्योगिक नीतियों, रोजगार सृजन, और स्थानीय स्तर पर आर्थिक समृद्धि लाने के उपायों पर चर्चा की गई। राजस्थान सरकार द्वारा जल्द ही औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक नई "स्वच्छ और हरित ऊर्जा नीति" भी घोषित की जाएगी, जो राज्य के उद्योगों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने में मदद करेगी।
लघु उद्योगों की भूमिका
राज्यवर्धन राठौड़ ने विशेष रूप से लघु उद्योगों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “राजस्थान में लघु उद्योगों का बहुत बड़ा योगदान है। हम चाहते हैं कि इन उद्योगों को सुविधाएं और संसाधन मिलें ताकि वे अपनी उत्पादन क्षमता में वृद्धि कर सकें और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दे सकें।” इस दिशा में कई योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिनमें लघु उद्योगों को सस्ता कर्ज, मार्केटिंग सहायता और तकनीकी उन्नति के लिए प्रोत्साहन देना शामिल है।
निष्कर्ष
इस बैठक के बाद, राज्यवर्धन राठौड़ ने यह आश्वासन दिया कि सरकार उद्योगपतियों और श्रमिकों की समस्याओं को हल करने के लिए लगातार काम करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से राजस्थान के औद्योगिक क्षेत्र में तेजी से बदलाव आएगा और यह प्रदेश देश के प्रमुख औद्योगिक राज्यों में शामिल होगा।
राजस्थान सरकार के इस औद्योगिक दृष्टिकोण से यह स्पष्ट है कि राज्य अब औद्योगिक विकास को प्राथमिकता देने के साथ ही समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ेगा। राज्यवर्धन राठौड़ की नेतृत्व में यह दिशा सही साबित होगी, और राज्य का औद्योगिक क्षेत्र न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में एक आदर्श बन जाएगा।
📍 स्थान: उद्योग भवन, जयपुर
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