राज्यवर्धन राठौड़ का स्पष्ट संदेश: राजस्थान में खेल के साथ "खेल" नहीं होने देंगे, भजनलाल सरकार खेल के विकास के लिए प्रतिबद्ध है
राजस्थान में खेलों के क्षेत्र में सुधार और पारदर्शिता को लेकर राज्य सरकार गंभीर कदम उठा रही है। राज्य के खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने हाल ही में एक सशक्त बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि राजस्थान में खेलों के साथ अब कोई "खेल" नहीं होने दिया जाएगा। इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि खेलों के विकास और उसके संचालन में अब कोई भी अनियमितता या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राज्यवर्धन राठौड़ ने यह भी कहा कि राज्य की सभी खेल फेडरेशनों और समितियों की यह जिम्मेदारी है कि वे खेलों के विकास के लिए विवेकपूर्ण और समझदारी से निर्णय लें, ताकि खिलाड़ियों को बेहतर अवसर और संसाधन मिल सकें। उनका मानना है कि खेल के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार भारतीय खेलों को नुकसान पहुंचाएगा और यह खिलाड़ी के लिए हानिकारक होगा।
राजस्थान सरकार का खेलों के प्रति प्रतिबद्धता
राज्यवर्धन राठौड़ ने भजनलाल सरकार की प्रतिबद्धता को भी उजागर किया, जो खेलों के विकास के लिए निरंतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य खेलों को केवल एक मनोरंजन के रूप में नहीं, बल्कि एक गंभीर और संगठित क्षेत्र के रूप में देखना है, जहां खिलाड़ियों को न केवल सही प्रशिक्षण मिले, बल्कि उनके भविष्य के लिए हर संभव सुविधा और अवसर प्रदान किए जाएं।
राजस्थान सरकार ने पहले ही कई योजनाओं के तहत खेल को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके अलावा, राज्य में विभिन्न खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं और आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र भी बनाए जा रहे हैं, जिससे राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें।
वित्तीय ऑडिट की मांग और पारदर्शिता
राज्यवर्धन राठौड़ ने खेल परिषद को वित्तीय ऑडिट की मांग करने की भी आवश्यकता बताई है। उनका मानना है कि यदि खेलों के संचालन में पारदर्शिता और वित्तीय जिम्मेदारी नहीं होगी, तो यह न केवल खेलों के विकास में रुकावट डालेगा, बल्कि इसके परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का रास्ता खुल सकता है।
खेल परिषद को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि जो भी वित्तीय संसाधन खेलों के लिए दिए जाते हैं, उनका सही तरीके से उपयोग हो और यह केवल खिलाड़ियों के विकास और खेल सुविधाओं में खर्च किया जाए। खेलों के वित्तीय मामलों में पारदर्शिता लाने से न केवल गलत कार्यों को रोका जा सकेगा, बल्कि इससे सरकारी धन का सही उपयोग भी सुनिश्चित होगा।
उच्च स्तर के शासन का महत्व
राज्यवर्धन राठौड़ ने यह भी कहा कि खेल परिषद को सभी खेल निकायों, विशेष रूप से क्रिकेट जैसे खेलों के उच्च स्तर के शासन को बनाए रखने में मदद करनी चाहिए। उदाहरण के रूप में उन्होंने BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) का जिक्र किया, जिसके शासन में उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और ईमानदारी है। उनका कहना है कि अन्य खेलों को भी BCCI द्वारा अनिवार्य किए गए शासन मानकों का पालन करना चाहिए, ताकि खेलों के संचालन में किसी भी प्रकार की धांधली या भ्रष्टाचार को रोका जा सके।
इसके अलावा, सभी खेल निकायों को एक स्पष्ट और निष्पक्ष नीति के तहत काम करने की आवश्यकता है, ताकि खिलाड़ियों को उनके कड़ी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके। यह सुनिश्चित करने के लिए खेल परिषद को एक सशक्त प्रणाली स्थापित करनी चाहिए, जो खेलों के संचालन में उच्चतम स्तर के प्रशासनिक मानकों को बनाए रखे।
खिलाड़ियों के लिए बेहतर भविष्य
राज्यवर्धन राठौड़ के इस बयान का मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों को एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य देना है। उनका मानना है कि जब खेल के प्रशासन में पारदर्शिता, जिम्मेदारी और सही नीति होगी, तो इससे खिलाड़ियों को अपने सपनों को साकार करने के लिए बेहतर अवसर मिलेंगे।
राज्यवर्धन राठौड़ ने यह भी कहा कि राज्य सरकार खेलों को केवल एक रोजगार या जीवनयापन के साधन के रूप में नहीं देखती, बल्कि इसे युवाओं के मानसिक और शारीरिक विकास के एक महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में देखती है। उनका उद्देश्य यह है कि राजस्थान के हर युवा को खेलों में अपनी क्षमता साबित करने का अवसर मिले और उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए बेहतर संसाधन मिलें।
राज्यवर्धन राठौड़ का यह बयान न केवल राजस्थान में खेलों के विकास की दिशा को स्पष्ट करता है, बल्कि यह खेलों के प्रशासन में सुधार और पारदर्शिता की आवश्यकता को भी उजागर करता है। उनके प्रयासों से यह उम्मीद की जा सकती है कि राज्य में खेलों का वातावरण अब पहले से कहीं अधिक सकारात्मक और प्रोफेशनल होगा, और इससे राज्य के खिलाड़ियों को अधिक अवसर मिलेंगे।
राज्यवर्धन राठौड़ के इस दृढ़ दृष्टिकोण से यह साफ है कि राजस्थान सरकार खेलों को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को लेकर गंभीर है और खिलाड़ियों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए वह हर संभव कदम उठाएगी। यह कदम न केवल राज्य के लिए, बल्कि भारतीय खेल जगत के लिए एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बनेगा।
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