राजवर्धन राठौड़ ने जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लिया: झंडारोहण, परेड का निरीक्षण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने जीता दिल
भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर दौसा में एक भव्य जिला स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय मंत्री राजवर्धन राठौड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस विशेष दिन की शुरुआत राष्ट्रीय ध्वज के झंडारोहण से हुई, इसके बाद एक शानदार परेड और कई आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समारोह को और भी खास बना दिया। राजवर्धन राठौड़ की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को विशेष बना दिया और यह दिखाया कि सरकार देश की परंपराओं और भविष्य दोनों को महत्व देती है।
झंडारोहण और परेड का निरीक्षण
समारोह की शुरुआत केंद्रीय मंत्री राजीवर्धन राठौड़ द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का झंडारोहण कर हुई। जैसे ही तिरंगा हवा में लहराया, उपस्थित जनसमूह ने श्रद्धा और सम्मान के साथ उसे सलामी दी। राठौड़ ने इस अवसर पर अपने सादगीपूर्ण नेतृत्व से कार्यक्रम की शुरुआत की, जो देश की एकता और शक्ति का प्रतीक था।
झंडारोहण के बाद, राठौड़ ने परेड का निरीक्षण किया, जो जिले के पुलिस, स्कूली छात्रों और विभिन्न संगठनों द्वारा प्रस्तुत की गई थी। इस परेड में विभिन्न समूहों ने अपनी एकजुटता और अनुशासन का प्रदर्शन किया, जिसमें पुलिस दल, स्काउट्स और कैडेट्स ने हिस्सा लिया। राठौड़ ने इन सभी प्रतिभागियों को सलाम किया और उनके परिश्रम की सराहना की। यह परेड देश की एकता और विविधता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करती है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकियां
दौसा के गणतंत्र दिवस समारोह का एक और आकर्षण सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकियां थीं, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गईं। विभिन्न स्कूलों, स्थानीय संगठनों और सांस्कृतिक समूहों ने पारंपरिक नृत्य, नाटक और प्रस्तुतियां दीं, जो राजस्थान और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करती थीं। इन कार्यक्रमों में इतिहास, कला और समकालीनता का सुंदर मिश्रण देखने को मिला, जिससे समारोह और भी जीवंत हो उठा।
विशेष रूप से विभिन्न क्षेत्रों द्वारा प्रस्तुत की गई झांकियों ने दौसा जिले में शिक्षा, कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर में हो रहे विकास को दिखाया। इन झांकियों ने जिले के विकास को दर्शाया और भारत की 21वीं सदी में प्रगति के प्रतीक के रूप में सामने आए। राष्ट्रीय एकता, विकास और सांस्कृतिक धरोहर के विषयों पर आधारित ये झांकियां दर्शकों में गर्व और प्रेरणा का संचार कर रही थीं।
मंत्री का संबोधन
परेड और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बाद, राजवर्धन राठौड़ ने समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने देश की प्रगति पर गर्व जताया और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों को याद किया। उन्होंने यह भी कहा कि हर नागरिक का योगदान देश के निर्माण में महत्वपूर्ण है और सभी को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
राठौड़ ने कहा, "गणतंत्र दिवस हमारे संविधान का सम्मान करने का अवसर है, और यह हमें हमारी जिम्मेदारियों का अहसास भी कराता है।" उनके शब्दों ने लोगों में उत्साह और देशभक्ति का जज्बा जागृत किया और उन्होंने सभी को भारत की उन्नति में अपना योगदान देने की प्रेरणा दी।
एकता और गर्व का दिन
दौसा के गणतंत्र दिवस समारोह ने न केवल जिले की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया, बल्कि यह देश की एकता और साझा दृष्टिकोण का प्रतीक भी था। झंडारोहण से लेकर परेड और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों तक, हर एक पहलू ने भारत की विविधता और एकता को बखूबी दर्शाया।
राजवर्धन राठौड़ की उपस्थिति ने इस समारोह को और भी महत्वपूर्ण बना दिया, यह दर्शाते हुए कि सरकार देश की सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक परंपराओं को सशक्त बनाना चाहती है। समारोह के समापन पर, दौसा के लोग गर्व और देशभक्ति से भरे हुए कार्यक्रम स्थल से निकले, और एकता और राष्ट्रीय गौरव के संदेश को अपने साथ लेकर गए।
दौसा में आयोजित जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह एक अभूतपूर्व सफलता रही। यह पारंपरिकता और प्रगति का बेहतरीन मिश्रण था, जिसमें झंडारोहण, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने हर किसी को गर्व महसूस कराया। यह समारोह भारतीय संविधान द्वारा स्थापित मूल्यों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है और भारत की आजादी की ओर अग्रसर होने के मार्ग पर निरंतर विकास की दिशा को स्पष्ट करता है। इस दिन ने भारत की एकता, विविधता और प्रगति के प्रतीक के रूप में एक नया उत्साह और प्रेरणा दी।

 
 
 
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