रत्न एवं आभूषण उद्योग: राजस्थान की अर्थव्यवस्था में योगदान और जयपुर ज्वैलरी शो की भूमिका

जयपुर, जो अपनी सुंदरता और ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, आज एक और कारण से चर्चा में है – रत्न और आभूषण उद्योग। यह उद्योग न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसे राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 17 प्रतिशत का योगदान देने वाला एक प्रमुख क्षेत्र माना जाता है। इस उद्योग की समृद्ध विरासत, वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उसका स्थान, और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव सभी मिलकर इसे एक अद्वितीय पहचान देते हैं।

हाल ही में, राजस्थान के उद्योग और वाणिज्य मंत्री, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 20वें जयपुर ज्वैलरी शो (JJS) के उद्घाटन समारोह में एक महत्वपूर्ण वक्तव्य दिया। उन्होंने इस उद्योग के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि "रत्न एवं आभूषण उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, जो राजस्थान के जीडीपी का 17 प्रतिशत है। जयपुर ज्वैलरी शो युवाओं के स्किल डवलपमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उन्हें रत्न एवं आभूषणों की समृद्ध विरासत को बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।"

इसके अलावा, कर्नल राठौड़ ने इस अवसर पर विश्व का सबसे बड़ा जेम बोरस (Gem Bourse) जयपुर में स्थापित किए जाने की आवश्यकता को भी जोर देकर कहा और राज्य सरकार के इस पहल का समर्थन करने की बात कही। यह बयान राज्य की महत्वाकांक्षाओं और व्यापारिक दृष्टिकोण को सही दिशा में दर्शाता है।

राजस्थान की अर्थव्यवस्था में रत्न एवं आभूषण उद्योग का योगदान

राजस्थान, विशेषकर जयपुर, रत्न एवं आभूषणों के व्यापार का वैश्विक केंद्र बन चुका है। यह उद्योग न केवल राज्य की आर्थ‍िक प्रगति में योगदान करता है, बल्कि देशभर में हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित करता है। जयपुर को "गुलाबी नगरी" के अलावा "ज्वैलरी हब" के रूप में भी पहचाना जाता है, और यहां की चांदी, सोने, हीरे और अन्य बेशकीमती रत्नों की मांग दुनिया भर में है।

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सही कहा कि यह उद्योग राजस्थान की जीडीपी में 17 प्रतिशत का योगदान करता है, जो राज्य के विकास में इस उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका को साबित करता है। इसके अलावा, यह उद्योग स्थानीय व्यापार और निर्यात दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि हर साल लाखों डॉलर का व्यापार रत्न एवं आभूषण के माध्यम से किया जाता है।

जयपुर ज्वैलरी शो: युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर

जयपुर ज्वैलरी शो (JJS), जो इस बार अपना 20वां संस्करण मना रहा है, रत्न और आभूषण उद्योग में नवाचार, डिज़ाइन, और व्यापार के लिए एक प्रमुख मंच बन चुका है। हर साल यह शो युवा डिजाइनरों, निर्माताओं, और कला प्रेमियों को एक जगह इकट्ठा करता है, जहां वे अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं, नए व्यापारिक संबंध स्थापित करते हैं और इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं।

कर्नल राठौड़ के अनुसार, जयपुर ज्वैलरी शो न केवल व्यापार का केंद्र है, बल्कि यह स्किल डवलपमेंट का एक उत्कृष्ट प्लेटफॉर्म भी है। यह शो युवा पीढ़ी को रत्न एवं आभूषण उद्योग की समृद्ध विरासत से परिचित कराता है और उन्हें इस उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। युवाओं को न केवल आभूषण डिज़ाइनिंग और निर्माण में महारत हासिल करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है, बल्कि उन्हें व्यापार के आधुनिक तरीकों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बारे में भी जानकारी दी जाती है।

जयपुर में विश्व का सबसे बड़ा जेम बोरस

जयपुर में जेम बोरस स्थापित करने की आवश्यकता की बात करते हुए कर्नल राठौड़ ने यह स्पष्ट किया कि राजस्थान सरकार इस पहल का पूर्ण समर्थन करेगी। जेम बोरस वह विशेष व्यापारिक केंद्र होते हैं जहां रत्न और आभूषणों का व्यापार बड़े पैमाने पर, सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से किया जाता है।

आजकल, अंतर्वार्ता व्यापार (international trade) और वैश्विक निवेश की दिशा में जयपुर को एक प्रमुख ज्वैलरी हब बनाने की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं। एक जेम बोरस से न केवल व्यापार की प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित किया जा सकता है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भारतीय रत्न एवं आभूषणों की प्रतिष्ठा को और बढ़ाएगा।

कर्नल राठौड़ ने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस जेम बोरस के निर्माण में सभी तरह से मदद करेगी, क्योंकि इससे भारत और राजस्थान की आभूषण उद्योग की वैश्विक स्थिति को एक नई दिशा मिलेगी और व्यापारिक अवसरों का विस्तार होगा।

20वें जयपुर ज्वैलरी शो का उद्घाटन राजस्थान के उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के वक्तव्य ने रत्न एवं आभूषण उद्योग के महत्व को और भी स्पष्ट किया। राज्य की जीडीपी में 17 प्रतिशत का योगदान, युवाओं के लिए स्किल डवलपमेंट के अवसर और विश्व के सबसे बड़े जेम बोरस के निर्माण की दिशा में उठाए जा रहे कदम, ये सभी संकेत देते हैं कि जयपुर और राजस्थान रत्न एवं आभूषण उद्योग के वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर हैं।

यह उद्योग न केवल राजस्थान की आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक सुनहरा अवसर पैदा करता है, जिससे वे न केवल अपनी कला को संवार सकते हैं, बल्कि इस समृद्ध विरासत को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में भी योगदान दे सकते हैं। जयपुर ज्वैलरी शो जैसे मंच इसे और भी मजबूती से बढ़ावा देंगे, जिससे राजस्थान और भारत का आभूषण उद्योग भविष्य में और भी अधिक सफलता की ऊँचाइयाँ छुएगा।

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