राजवर्धन राठौड़ ने कहा कि गांव, युवा, किसान या महिला शक्ति ही भारत के विकास का आधार है
ओलंपिक पदक विजेता और भाजपा नेता राजवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा है कि भारत के विकास का आधार गांव, युवा, किसान और महिला शक्ति है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज के ये चार प्रमुख स्तंभ ही राष्ट्र निर्माण और प्रगति के मुख्य कर्णधार हैं। राठौड़ ने विभिन्न सार्वजनिक मंचों और सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा करते हुए कहा:
“गांव, युवा, किसान, और महिला शक्ति ही भारत के विकास का मूलभूत आधार हैं। ये चारों तत्व हमारे समाज को मजबूती और समृद्धि प्रदान करते हैं।”
गांव: भारत की आत्मा
राजवर्धन सिंह राठौड़ ने गांवों को भारत की आत्मा बताया। उन्होंने कहा कि गांवों में ही भारत की सांस्कृतिक धरोहर और सच्ची पहचान बसती है। गांवों के विकास पर जोर देते हुए उन्होंने कहा:
“हमारे गांव देश की आत्मा हैं। उनका सशक्तिकरण और विकास देश के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आधुनिक कृषि तकनीकें, स्वास्थ्य सुविधाएं, और शिक्षा गांवों में लाकर ही हम स्थाई विकास को प्राप्त कर सकते हैं।”
युवा: ऊर्जा और संभावनाओं का स्रोत
युवा भारत की ऊर्जा और संभावनाओं का मुख्य स्रोत हैं। राठौड़ ने युवाओं को राष्ट्र की धुरी बताते हुए कहा कि उनकी रचनात्मकता, जोश और नवाचार देश को अग्रणी पंक्ति में खड़ा कर सकते हैं। उन्होंने कहा:
“युवाओं की सशक्त भागीदारी और नेतृत्व क्षमता को पहचानना और उनका सही दिशा में मार्गदर्शन करना ही आधुनिक भारत का निर्माण करेगा। हमें युवाओं को सही शिक्षा, कौशल विकास, और रोजगार के अवसर प्रदान कर उनके विकास में योगदान देना चाहिए।”
किसान: अन्नदाता और अर्थव्यवस्था की रीढ़
किसानों को देश का अन्नदाता मानते हुए राजवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि उनकी समृद्धि और कल्याण ही देश की अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव है। उन्होंने किसानों के मूल्य और योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा:
“हमारे किसान देश के अन्नदाता हैं और उनकी संरक्षा और समर्थन के बिना सामाजिक-आर्थिक विकास अधूरा है। हमें उन्हें आधुनिक कृषि तकनीक, सही मूल्य, और समुचित संसाधन प्रदान कर उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।”
महिला शक्ति: समाज का आधार
महिलाओं को समाज का आधार मानते हुए राठौड़ ने कहा कि उनकी शक्ति, सृजनात्मकता, और समर्पण ही समाज को मजबूती प्रदान करते हैं। उन्होंने महिलाओं की सशक्त भूमिका और अहम योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा:
“महिलाओं की सशक्तिकरण और उनकी समान भागीदारी के बिना समाज का विकास अधूरा है। हमें महिलाओं को शिक्षित, स्वावलंबी, और समान अधिकार प्रदान कर उनके सशक्तिकरण की दिशा में काम करना चाहिए।”
विकास की दिशा
राजवर्धन सिंह राठौड़ ने यह भी कहा कि जब तक गांव, युवा, किसान, और महिलाएं सशक्त नहीं होते, तब तक देश का समग्र विकास संभव नहीं है। इन चारों के विकास पर जोर देकर ही हम समृद्ध, सशक्त, और आधुनिक भारत का सपना साकार कर सकते हैं।
“हमें नवीनतम तकनीकों, नीतियों, और कार्यक्रमों के माध्यम से इन मूलभूत स्तंभों को सशक्त करने की दिशा में निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।”
राजवर्धन सिंह राठौड़ का यह दृष्टिकोण समाज के हर वर्ग के विकास और समृद्धि की ओर केंद्रित है, जिससे एक सशक्त और समृद्ध भारत का निर्माण हो सके।
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